पीयूष वालिया
त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी हंसप्रकाश महाराज-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
संतों के आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा-रितु खण्डूरी
गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है-महंत रूपेंद्र प्रकाश
हरिद्वार, 5 दिसम्बर। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी हंसप्रकाश महाराज का एकादश निर्वाण दिवस सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों, गणमान्य लोगों एवं श्रद्धालुजनों की उपस्थिति में समारोह पूर्वक मनायी गयी। श्री प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी हंसप्रकाश महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी हंसप्रकाश महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनके नाम का सिमरन करने मात्र से ही भक्तों का कल्याण हो जाता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि संत महंत अखाड़ों से हैं। कुछ आचार्य महामंडलेश्वरों को गलतफहमी है कि वे अखाड़ों के गुरू हैं। अखाड़े के ईष्टदेव ही अखाड़े के गुरू हैं। अखाड़े सर्वोच्च हैं। अखाड़े ही संत, महंत, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूरी ने कहा कि राजसत्ता धर्म सत्ता के बिना अधूरी है। संतों के आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है। स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने सभी संत महापुरूषों व अतिथीयों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी हंसप्रकाश महाराज से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत हंसप्रकाश महाराज दिव्य आत्मा थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक व पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी हंसप्रकाश महाराज समाज के प्रेरणास्रोत थे। उनके विचार और शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। स्वामी गुरदेव प्रकाश, संजीव चैधरी, आशीष कुमार, विश्वास सक्सेना, जगदीश लाल पाहवा, प्रमोद शर्मा, डा.विशाल गर्ग, अनिल सैनी, सचिन चाहल ने सभी संत महापुरूषों और अतिथीयों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी, स्वामी प्रबोधानंद, स्वामी ललितानंद गिरी, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, स्वामी ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी महंत विष्णुदास, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, स्वामी अनंतानंद, स्वामी कपिलमुनि, स्वामी हरिचेतनानंद, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी भगवत रूवरूप, साध्वी प्राची, आशीष शर्मा, संजय गुप्ता, विशाल गर्ग, महंत अमनदीप सिंह, संत सहजादानंद, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, ओमप्रकाश जमदग्नि, आप नेता नरेश शर्मा, स्वामी रामविशाल देव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे