पीयूष वालिया
पुण्यतिथी पर संत समाज ने किया साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले को नमन
योग्य शिष्य ही गुरू की कीर्ति को बढ़ाते हैं-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
गुरू परंपरांओं को आगे बढ़ाते हुए धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उद्देश्य
-श्रीमहंत विष्णु दास
हरिद्वार, 17 मई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि योग्य शिष्य ही गुरु की कीर्ति को बढ़ाते हैं। श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरू सेवक निवास उठाली आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्णुदास महाराज के संयोजन में साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले की 19वीं पुण्यतिथी के अवसर पर आयोजित गुरू स्मृति महोत्सव को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले महाराज विद्वान संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। गुरू के रूप में ऐसे विद्वान संत का सानिध्य भाग्यशाली व्यक्ति को मिलता है। श्रीमहंत विष्णु दास महाराज सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म की शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज व महंत गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि गुरू से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए श्रीमहंत विष्णुदास दास महाराज को समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी योगदान करते देखना सुखद व प्रेरणादायक है। जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री व बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि धर्म प्रचार में साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। श्रीमहंत विष्णु दास महाराज ने कार्यक्रम में शामिल हुए संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत नरसिंहदास ढेरियां वाले महाराज से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं के अनुसरण और संत समाज के आशीर्वाद से गुरू परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देना और सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महंत ईश्वर दास, महंत प्रेमदास, महंत दुर्गादास, महंत गौरीशंकर दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, बाबा हठयोगी, महंत प्रेमदास, महंत कमलदेव महराज, महंत गोविंददास, महंत जसविंदर सिंह, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत गंगादास, स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत सूरज दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत राजेंद्रदास, स्वामी चिदविलासांनद, स्वामी अनंतानंद, आश्रम के ट्रस्टी व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।