रूडकी बोर्ड बैठक शुरू होने से पहले ही चढ़ी हंगामे की भेंट,नहीं हुई चर्चा,नगर का विकास हो रहा अवरुद्ध.

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प्रभारी इरफ़ान 

 

 

रुड़की।नगर निगम सभागार में प्रातः सवा ग्यारह बजे बोर्ड बैठक में पहुंचे निगम पार्षदों द्वारा पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा की अध्यक्षता में मेयर गौरव गोयल के खिलाफ नारेबाजी कर बैठक प्रारंभ कर दी,हालांकि किन्हीं कारणों से नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल बोर्ड बैठक में आधा घंटे के विलंब से पहुंचे,जबकि मेयर गौरव गोयल इस समय अपने कार्यालय में ही बैठे हुए थे।लगभग साढ़े ग्यारह बजे मेयर गौरव गोयल बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिए सभागार में पहुंचे तो अपनी कुर्सी पर पार्षद चंद्र प्रकाश बाटा को बैठा देख मेयर गौरव गोयल क्रोधित हो गए तथा वापस अपने ऑफिस आ गए।इसी दौरान चंद्रप्रकाश बाटा की अध्यक्षता में अन्य पार्षदों द्वारा जबरदस्त हंगामा किया गया तथा सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता व अन्य निगम कर्मचारियों के साथ वे बहस बाजी करते नजर आए,जिस पर वरिष्ठ वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार,सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता व संजय कुमार एवं बाबू अब्दुल कय्यूम सभी कर्मचारियों सहित बैठक का बहिष्कार कर निगम सभागृह में चले गए।आज की बोर्ड बैठक में फिल्म “नायक” में एक दिन का मुख्यमंत्री का अभिनय निभाने वाले अभिनेता अनिल कपूर की तर्ज पर पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा भी कुछ समय के लिए मेयर की भूमिका में नजर आए।उन्होंने मेयर की कुर्सी पर बैठते ही तुरंत माइक संभाला तथा कुछ देर तक नगर की समस्याओं को लेकर निगम अधिकारियों से बहस करते हुए नजर आए।मेयर गौरव गोयल द्वारा नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल से फोन पर वार्ता करने के पश्चात वे लगभग पौने बारह बजे निगम सभागार में पहुंचे तथा पार्षदों को बहुत समझाने के प्रयास करने के बाद भी वह नहीं माने तो उन्होंने मेयर गौरव गोयल से बातचीत की तथा कुछ देर पश्चात मेयर गौरव गोयल द्वारा बोर्ड बैठक की समाप्ति की घोषणा कर दी गई और वह अपने कार्यालय में चले गए,जहां उन्होंने पत्रकार वार्ता कर बताया कि विगत पन्द्रह दिनों से नगर में भारी वर्षा के कारण आपदा की स्थिति बनी हुई है,जिसे लेकर आज की बोर्ड बैठक रखी गई थी,जिसमें आपदा से निपटने के लिए निगम की बोर्ड बैठक में अनेक प्रस्ताव पास होने थे,जिससे कि नगर में जलभराव की समस्या से निपटने,जल निकासी के प्रबंधों सहित नगर के विकास के लिए अनेक कार्यों को गति देने थी,जोकि आज बोर्ड की बैठक ना होने के कारण रुक गई है।उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कुछ पार्षदों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत हर बार बोर्ड की बैठक में हंगामा किया जाता है तथा उन्हें राजनीति का शिकार बनाकर नगर के विकास को अवरुद्ध कराने का प्रयास किया जाता रहा है।उन्होंने कहा कि यह पूर्व में निगम में रहे अधिकारियों की सह पर किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि वह दो दिन बाद सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत कराएंगे तथा बोर्ड को तत्काल भंग करने की सिफारिश भी करेंगे।

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