पीयूष वालिया
आम आदमी आज कितना सुरक्षित हैं ये आज कि इस घटना से मालूम हो चूका हैं जब हरिद्वार के दो वारिष्ठ पत्रकारों पर कोतवाली ज्वालापुर मे ही जानलेवा हमला कर दिया गया,बता दें कि जिन लोगों नें हमला किया हैं वो शहर के उन दबंग लोगों मे गिने जाते हैं जो कहीं लोगों कि जमीनों पर अवैध कब्जे करते हैं तो कहीं अवैध निर्माण कर प्रसाशन को खुली चुनौती देते हैं,इतना ही नहीं इन लोगों पर पहले से ऐसे कई मामले कोर्ट मे विचाराधीन हैं जिनसे इनके अपराधिक इतिहास के बारे मे भी मालूम हो जाता हैं
दोनों पत्रकार हैं आल मिडिया जर्नालिस्ट एसोसिएशन के बड़े पदाधिकारी,
बता दें कि जिन वरिष्ठ पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया गया हैं उनमे आल मिडिया जर्नालिस्ट एसोसिएशन के जिला महासचिव मनीष कागरान व संगठन मंत्री नरेन्द्र सिंह कश्यप हैं,
हैरान करने वाली बात ये हैं कि जिन लोगों नें दोनों पत्रकारों पर ज्वालापुर कोतवाली मे हमला किया हैं वो हमला करने के बाद कोतवाली से चाटी चौड़ी करके व आसानी से बाहर निकलकर चलते बने,जो ज्वालापुर मे तैनात उन पुलिसकार्मियों पर भी बहुत से सवाल खडे करता हैं जिनकी वाह वही खबरों के माध्यम से लोगों तक पहुँचती हैं,
जान लिजिये क्या हैं पूरा मामला,
बता दें कि हरिद्वार मे ऐसे बहुत से अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं जो पूर्ण रूप से अवैध तो हैं ही साथ ही वो सम्बंधित विभाग कि मिली भगत कि पोल भी खोल रहे हैं,बस यही एक दुर्भाग्य रहा कि दोनों पत्रकार पड़ोसियों कि शिकायत पर इन्ही मे से एक अवैध निर्माण कार्य कि केवरेज करने पहुँच गये,लेकिन उन्हें ये मालूम नही था कि दोनों पर आज जानलेवा हमला करने कि तैयारी पहले से कि जा सकी हैं,
धर्मनगरी में जंगल राज! 14 घंटे के भीतर दो मर्डर के बाद अब कोतवाली परिसर में पत्रकार पर जानलेवा हमला।
हरिद्वार। धर्म नगरी में अपराधियों ने तांडव मचा रखा है 14 घंटे के भीतर 2 मर्डर के बाद अब कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकार पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार वरिष्ट पत्रकार धर्मेद्र प्रधान व मनीष कांगरान शहर में अवैध रूप से हो रहे निर्माण की कवरेज करने पहुंचे थे जहां पत्रकारों को कवरेज करते देख दबंगों ने पत्रकारो के ऊपर जानलेवा हमला कर सर फोड़ दिया उसके बाद पत्रकार अपने साथ हुई घटना की जानकारी देने कोतवाली ज्वालापुर पहुंचे वहां भी दबंगों ने कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकारों के ऊपर दोबारा धावा बोल दिया । हमलावरों के तार शहर के बड़े भूमाफियाओं से जुड़े बताए जा रहे हैं।
कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकार पर हुए जान हमले को लेकर अब पुलिस विभाग की कार्यशीली पर सवाल खड़े हो गए हैं पहले ही धर्म नगरी में बीते 14 घंटे के भीतरी दो मर्डर हो चुके हैं, अब सवाल यह है कि जब कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकार तक सुरक्षित नहीं है तो आम जनता शहर की सड़को पर अपने आप को सुरक्षित कैसे महसूस करेगी। खबर लिखे जाने तक पत्रकार संगठन के लोग कोतवाली ज्वालापुर परिसर में धरने पर डटे हुए है।