पीयूष वालिया
अशोका इंटरनेशनल एकेडमी में दासधर्म गुरुकुल की ओर से लगाया गया मोटिवेशनल कैंप
पथरी/हरिद्वार: पिछले कई वर्षो से अशोका इंटरनेशनल एकेडमी अम्बूवाला लगातार पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के साथ साथ उत्तम एवं संतुलित जीवन जीने के तरीकों पर कार्य करता चला आ रहा है। इसी कड़ी में आज दिनांक 01 मई 2024 को दिल्ली से आए दास धर्म गुरुकुल के द्वारा एक मोटिवेशनल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स के सही प्रयोग करने के बारे में कैंप का आयोजन किया गया जिसमे दास धर्म गुरुकुल की ओर से आई मोटिवेशनल स्पीकर दास उपासना आहूजा के द्वारा छात्र-छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स किस प्रकार और कितना प्रयोग में लाना चाहिए इस पर विचार रखें गए। जिसमे उन्होंने बताया कि स्क्रीन टाइम मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या किसी भी हाथ से पकड़े जाने वाले या दृश्य उपकरण जैसी स्क्रीन देखने में प्रति दिन बिताया गया कुल समय है। जिस तरह हम संतुलित भोजन खाते हैं, उसी तरह स्क्रीन को भी ठीक से चुना जाना चाहिए। सही मात्रा में और सही समय पर उपयोग करें। आज के समय में बच्चों के बीच अत्यधिक स्क्रीन टाइम एक बड़ी चिंता का विषय है। स्क्रीन हमारी जिंदगी का बेहद जरूरी हिस्सा बन गई हैं। सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि स्क्रीन टाइम का मतलब क्या है? स्क्रीन टाइम मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या किसी हाथ से पकड़े जाने वाले या विजुअल डिवाइस जैसी स्क्रीन देखने में प्रति दिन बिताया गया कुल समय है। जिस तरह हम संतुलित भोजन खाते हैं, उसी तरह स्क्रीन को भी सही ढंग से चुना जाना चाहिए और सही मात्रा में और सही समय पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। स्क्रीन टाइम हमारे उपयोग के तरीके के आधार पर स्वस्थ या अस्वास्थ्यकर हो सकता है। शैक्षिक, सामाजिक गतिविधियों जैसे स्कूल का काम, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बातचीत के लिए स्क्रीन पर बिताया गया समय स्वस्थ तरीका है, जबकि अनुचित टीवी शो देखना, असुरक्षित वेबसाइटों पर जाना, अनुचित हिंसक वीडियो गेम खेलना अस्वस्थ स्क्रीन समय के कुछ उदाहरण हैं। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है बल्कि यह अप्रत्यक्ष रूप से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। शारीरिक प्रभावों पर देखे गए कुछ बुरे प्रभावों में मोटापा, गतिहीन जीवन शैली, नींद में खलल, आंखों पर तनाव, गर्दन, पीठ और कलाई में दर्द शामिल हैं। कम समाजीकरण, सामाजिक चिंता और शैक्षणिक प्रदर्शन में कमी बच्चों पर लंबे समय तक स्क्रीन एक्सपोज़र के कुछ अतिरिक्त दुष्प्रभाव देखे गए हैं जो किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं। उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी बीमारियों से बचने के लिए सही और संतुलित ढंग से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल होना चाहिए। वहीं दूसरी और अशोका इंटरनेशनल एकेडमी के चेयरमैन मनीष चौहान के द्वारा भी सभी छात्र-छात्राओं को इस कैंप के आयोजन पर अवगत कराया कि यदि आप सभी संतुलित रूप से स्क्रीन टाइम का प्रयोग करेंगे तो आपके स्वास्थ्य के लिए एवं विकास के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगा। इस आयोजन के दौरान एकेडमी के समस्त अध्यापक एवं अध्यापिकाएं मौजूद रहीं।