आश्रम में धूमधाम से मनाया तुलसी पूजन दिवस

0
285

सहसंपादक अमित मंगोलिया
संपादक पीयूष वालिया
हरिद्वार : कई वर्ष पूर्व संतश्री आशारामजी बापू ने 25 दिसम्बर को “तुलसी पूजन दिवस” के रूप में मनाने की परम्परा शुरू करी। यह कार्यक्रम समाज को इतना भाया कि देश-विदेश में प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर इसका आयोजन होने लगा।

तुलसी के महत्व व उपयोगिता को देखते हुए इस दिवस का मनाया जाना आवश्यक भी है। आश्रम की मीडिया प्रभारी अलका शर्मा ने बताया समाज की समस्या यह नहीं है कि उसे सही दिशा देने वाले कम हैं बल्कि समाज की समस्या यह है कि उसे भ्रमित करने वाले अधिक हैं। 25 दिसम्बर को किसी पेड़ की सजावट कर उसके पास नाच-गाने का आयोजन करना ना तो अपनी संस्कृति है और ना ही इसका कोई सामाजिक या धार्मिक लाभ है बल्कि युवा पीढ़ी गुमराह होकर पतन की तरफ जा रही है।

उल्लेखनीय है कि तुलसी पूजन दिवस मनाने से समाज में जागृति आयी है, लोगों को इसका धार्मिक व औषधीय उपयोग तथा प्राकृतिक महत्व अच्छे से समझ आने लगा है। तुलसी कई रोगों की अचूक औषधि है व धार्मिक रूप से भी अत्यंत पवित्र है। 24 घण्टे आक्सीजन देकर पर्यावरण को सुरक्षित करने वाली तुलसी माता का पूजन, आज संतश्री आशारामजी बापू आश्रम, हरिपुर कलां में धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर क्षितिज, अरबिंद चौबे, रमेश पाहुजा, सुरेश, जीवन्त नवानी, वसुन्धरा, सुधा, योजना, प्रीति आदि उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here