डॉ मो मुकर्रम मलिक
जहाँ एक तरफ पूरा देश व प्रदेश करोना जैसी घातक बीमारी से झूझ रहा है। वही दूसरी और अपने अपने धर्मो के अनुयायी सिर्फ ईस्वर से ये ही दुआ कर रहे है।कि जल्द से जल्द इस भयंकर बीमारी से निजात मिल सके।लेकिन दूर दराज से आये प्रवासियों ने इस भयंकर बीमारी में कही न कही अपनी भूमिका दरसाई है।
दअरसल पूरा मामला भगवानपुर ब्लॉक के चांनचक गांव का है।जहाँ पिछले चार दिन पहले चेनई से आये साकिर नामक व्यक्ति ने ग्राम प्रधान की मद्त से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर पहुच कर चार दिन पहले सेम्पल दे दिया था।जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने मरीज़ को उसके घर पर ही कोरोटाइम कर दिया था।जिसके चलते देर रात साकिर नामक व्यक्ति की कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने से आज स्वास्थ्य विभाग व प्रसासन ने गांव पहुच कर साकिर नामक व्यक्ति को एम्बुलेंस के माधयम से मेला हॉस्पिटल हरिद्वार भिजवा दिया। वही प्रसासन के सहयोग से साकिर नामक व्यक्ति के पूरे महोलल्ले को सील कर दिया।
वही मौजूद कार्यकारी डॉक्टर विक्रांत सिरोही का कहना है।कि मरीज़ को मेला हॉस्पिटल भेज दिया गया है। और मरीज़ के सम्पर्क में आने वाले लोगो की जांच की जा रही है।
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे।की अगर दूरदराज़ से आये प्रवासी जब सेंपल के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाते है।तो उनका सेंपल लेने के बाद अगर प्रवासी को उसके घर पर कोरनटाइम करने के बजाये सीधा हॉस्पिटल में ही कोरनटाइम कर दिया जाये तो कम से कम मरीज़ के घर वाले व आस पड़ोस के लोग सन्सकर्मित होने से बचायें जा सकते है।और स्वास्थ्य विभाग की भी कुछ हद तक चिंताएं दूर हो सकती है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या स्वास्थ्य विभाग चुनोतियो भरा काम करता रहेगा।या फिर बाहर से आये प्रवासी को सेंपल लेते ही।हॉस्पिटल में करता है।कोरनटाइम।ये तो आना वाला वक्त ही बहेतर बता पायेगा