ब्यूरो
गाजियाबाद के सुधीर मक्कड़ बाद में गोल्डन बाबा के नाम से जाने जाने लगे थे । गोल्डन बाबा कभी हिस्ट्रीशीटर बदमाश हुआ करते थे जो बाद में अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए आध्यात्मिक की शरण में आ गए। हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े गोल्डन बाबा कावड़ भक्तों के प्रिय माने जाते थे । कावड़ यात्रा में वह 22 किलो सोना पहन कर और दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ करीब 50 बॉडीगार्ड लेकर चलते थे । तब हर कोई उन्हें देखने को लालायित रहता था। आज उन्होंने एम्स में अंतिम सांस ली।
कहा जाता है कि दिल्ली एनसीआर के सट्टा और लॉटरी लगाने वाले लोग उनसे आशीर्वाद लेकर इस कारोबार में उतरते थे । कहा जाता रहा कि जो इनका आशीर्वाद लेकर सट्टा और लॉटरी लगाने गया उसके वारे नारे हुए । गोल्डन बाबा पर पूर्वी दिल्ली के कई थानों में दर्जनों मामले दर्ज है।
इसके बावजूद भी वह लोगों के लिए श्रद्धा का केंद्र बने हुए थे। आज एम्स हॉस्पिटल में गोल्डन बाबा का निधन हो गया । उन्हें कई बीमारियों ने घेर लिया था। पिछले 15 दिन से वह एम्स में एडमिट थे। दिल्ली के साथ ही उन पर हरिद्वार में भी कई मामले दर्ज हैं।
हिस्ट्रीशीटर बदमाश से संत बने गोल्डन बाबा दिल्ली और यूपी के साथ ही उत्तराखंड में काफी चर्चित रहे हैं। करोड़ों रुपए के सोने का आभूषण पहनने के कारण वे सुर्खियों में रहते थे। कांवड़ यात्रा के दौरान उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ लगी रहती थी। करोड़ों के आभूषण की सुरक्षा के लिए गोल्डन बाबा अपने साथ निजी सुरक्षागार्डों की फौज रखा करते थे।