वेदमाता गायत्री ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति हैं-श्रीमहंत संपूर्णानदं ब्रह्मचारी

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पीयूष वालिया

हरिद्वार, 30 मार्च। श्री शम्भू पंच अग्नि अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा है कि वेदमाता गायत्री ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति हैं। जिनकी उपासना, पूजन एवं हवन से सम्पूर्ण सृष्टि का कल्याण होता है और श्री शम्भू पंच अग्नि अखाड़ा अपनी आराध्य मां गायत्री का अखाड़े के नैष्ठिक ब्रह्मचारियों द्वारा नियमित प्रातः एवं सायं हवन एवं पूजन करता है। माया देवी प्रागण स्थित अखाड़े की छावनी में पधारे श्रद्धालुओं को मां गायत्री पूजन का महत्व बताते हुए उन्हांेने कहा कि मां गायत्री अखाड़े की आराध्य हैं और सम्पूर्ण भारतवर्ष में अग्नि अखाड़े के ब्रह्मचारी गायत्री पाठ एवं अनुष्ठानों के माध्यम से सनातन धर्म का संवर्द्धन करते हैं। हरिद्वार महाकुम्भ के अवसर पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उन्हांेने कहा कि ग्रह एवं नक्षत्रों के विशेष योग में कुम्भ का आयोजन होता है, यही कारण है कि कुम्भ स्नान एवं पूजा-पाठ का महत्व सामान्य पूजन से हजार गुना अधिक होता है। कुम्भ पर्व पर किए गए दान, ध्यान एवं स्नान को महान पुण्यफलदायी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल को दृष्टिगत रखते हुए श्री पंच अग्नि अखाड़ा सीमित मात्रा में पूजा, अर्चना एवं यज्ञों का आयोजन कर राष्ट्र और समाज के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। अखाड़े के थानापति श्रीमहंत विचित्रानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि आत्मा परमात्मा का ही अंश है जो अन्न जल ग्रहण करने से चैतन्य होती है। इसीलिए श्री पंच अग्नि अखाड़ा मायादेवी प्रांगण तथा हरिपुर कलां स्थित झालावाड़ आश्रम में अखण्ड लंगर का आयोजन कर रहा है।वेदमाता गायत्री ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति हैं-श्रीमहंत संपूर्णानदं ब्रह्मचारी
हरिद्वार, 30 मार्च। श्री शम्भू पंच अग्नि अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा है कि वेदमाता गायत्री ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति हैं। जिनकी उपासना, पूजन एवं हवन से सम्पूर्ण सृष्टि का कल्याण होता है और श्री शम्भू पंच अग्नि अखाड़ा अपनी आराध्य मां गायत्री का अखाड़े के नैष्ठिक ब्रह्मचारियों द्वारा नियमित प्रातः एवं सायं हवन एवं पूजन करता है। माया देवी प्रागण स्थित अखाड़े की छावनी में पधारे श्रद्धालुओं को मां गायत्री पूजन का महत्व बताते हुए उन्हांेने कहा कि मां गायत्री अखाड़े की आराध्य हैं और सम्पूर्ण भारतवर्ष में अग्नि अखाड़े के ब्रह्मचारी गायत्री पाठ एवं अनुष्ठानों के माध्यम से सनातन धर्म का संवर्द्धन करते हैं। हरिद्वार महाकुम्भ के अवसर पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उन्हांेने कहा कि ग्रह एवं नक्षत्रों के विशेष योग में कुम्भ का आयोजन होता है, यही कारण है कि कुम्भ स्नान एवं पूजा-पाठ का महत्व सामान्य पूजन से हजार गुना अधिक होता है। कुम्भ पर्व पर किए गए दान, ध्यान एवं स्नान को महान पुण्यफलदायी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल को दृष्टिगत रखते हुए श्री पंच अग्नि अखाड़ा सीमित मात्रा में पूजा, अर्चना एवं यज्ञों का आयोजन कर राष्ट्र और समाज के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। अखाड़े के थानापति श्रीमहंत विचित्रानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि आत्मा परमात्मा का ही अंश है जो अन्न जल ग्रहण करने से चैतन्य होती है। इसीलिए श्री पंच अग्नि अखाड़ा मायादेवी प्रांगण तथा हरिपुर कलां स्थित झालावाड़ आश्रम में अखण्ड लंगर का आयोजन कर रहा है।

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