अर्चना धींगरा
हरिद्वार, 25 अप्रैल। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन सदा परोपकार को समर्पित रहता है और संत महापुरुष ही राष्ट्र को नई दिशा दे सकते हैं। बैरागी कैंप स्थित अखाड़े में साकेत वासी महंत नंदराम दास महाराज के श्रद्धांजलि समारोह में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि साकेतवासी पूज्य गुरुदेव महंत नंदराम दास महाराज उदारता की पराकाष्ठा थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत गरीब असहाय लोगों की सेवा कर समाज को मानव सेवा का संदेश दिया। राष्ट्र निर्माण में उनके अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास एवं श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्ण दास नगरिया महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले संत महापुरुष हमेशा ही समाज का मार्गदर्शन कर धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। साकेत वासी महंत नंदराम दास महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए सभी को प्रेरित कर धर्म की पताका को फहराया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा एवं महंत गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि देश दुनिया को धर्म के मार्ग पर अग्रसर करने में संत महापुरुषों की हमेशा ही अग्रणी भूमिका रही है। भावी पीढ़ी को संस्कार बनाकर उनमें सेवा का भाव जागृत करना ही संत समाज का मुख्य उद्देश होता है। साकेतवासी महंत नंदराम दास महाराज ने अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर जहां समाज कल्याण में अपना अहम योगदान प्रदान किया। वहीं उन्होंने गौ सेवा एवं गंगा संरक्षण का संदेश देकर समस्त संत समाज का गौरव बढ़ाया। ऐसे विचारवादी संत हमेशा ही मानवता के लिए प्रेरणादाई होते हैं। सभी को उनके आदर्शो को अपनाकर राष्ट्र के उत्थान में अपना अहम योगदान प्रदान करना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत नंदराम महाराज सिद्ध महापुरूष व संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर महंत शत्रुघ्न दास श्रीमहंत रास बिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत दयाल दास, महंत राम मनोहर दास, मस्तराम बाबा, महंत लक्ष्मण दास, महंत घनश्याम दास, महंत रमेश दास, महंत नरहरिदास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत राघवेंद्र दास सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित रहे।