अर्चना धींगरा/पीयूष वालिया
हरिद्वार कभी संसार में बस सत्य ही विराजमान था और आज के समय में झूठ का चारों और बहुत विस्तार हो चुका है। जहाँ पहले के समय में झूठ बोलना पाप करने के बराबर समझा जाता था वहीं आज हर इन्सान अपने स्वार्थ के लिए छोटी-छोटी बातों पर भी झूठ बोलने लगा है। न्यायालय जो न्याय करने के लये बने होते हैं वो स्वयं झूठ का शिकार हो रहे हैं। सच की राह भले ही काँटों भरी हो लेकिन सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति इतिहास रच देता है। इतिहास में जब भी कभी कहीं झूठ और सच की जंग हुयी हैतो उसमें विजय हमेशा सत्य की ही होती आई है
[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]