अर्चना धींगरा
हरिद्वार, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस बार हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व 16 जुलाई को मनाया गया. हरेला पर्व के साथ ही सावन का महीना शुरू हो जाता है. हरेला पर्व से 9 दिन पहले घर के मंदिर में कई प्रकार का अनाज टोकरी में बोया जाता है और माना जाता है की टोकरी में अगर भरभरा कर अनाज उगा है तो इस बार की फसल अच्छी होगी.
हरेला पर्व के दिन मंदिर की टोकरी में बोया गया अनाज काटने से पहले कई पकवान बनाकर देवी देवताओं को भोग लगाया जाता है जिसके बाद पूजा की जाती है. घर-परिवार के सदस्यों को हरेला (अंकुरित अनाज) शिरोधरण कराया जाता है.