पॉड टैक्सी को अब डेवलपर के साथ बढ़ाने की योजना

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पीयूष वालिया

पॉड टैक्सी को अब डेवलपर के साथ बढ़ाने की योजना

पीपीपी मोड में कंपनियों ने नहीं दिखाई थी रुचि

 

हरिद्वार 24 जनवरी।

हरिद्वार में व्यापारियों व अन्य स्टेक होल्डर्स के विरोध के बाद ठहरी पॉड टैक्सी को अब नये ढंग से गति देने की योजना है। शासन ने मैट्रो से इसपर अबतक की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।

जनवरी 2021 में सामने आई हरिद्वार पीआरटी योजना को कैबिनेट ने मार्च 2022 में मंजूरी दी थी। गतवर्ष मार्च में उत्तराखंड मैट्रो रेल कारपोरेशन ने इसके लिए टैंडर भी कर दिये थे। जिसमें करीब आधा दर्जन कंपनियों ने रुचि भी दिखाई थी। लेकिन योजना के रुट को लेकर गंगा सभा और व्यापारियों के विभिन्न संगठनों के विरोध के बाद कंपनियों ने करीब पंद्रह सौ करोड़ की इस योजना से हाथ खींच लिए थे। इसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी योजना पर पहले पहाड़ से आने वाली मिट्टी और पहाड़ के ट्रीटमेंट की शर्त लगा दी थी। इन विवादों के चलते पीपीपी मोड की इस महत्वाकांक्षी योजना से कंपनियां भाग खड़ी हुई थी।जिसके बाद अब एकबार फिर नये ढंग से पॉड टैक्सी को गति देने की कवायद शुरू हो गई है।अब इस योजना को पीपीपी के बजाय सरकार कंपनियों के साथ आगे बढ़ाने की कवायद में है। जिसमें करीब साठ फीसदी योजना व्यय सरकार व चालीस फीसदी कंपनी व्यय करेगी। योजना के अस्तित्व में आने के बाद भी यदि कंपनी योजना में नहीं रहना चाहेगी तो सरकार पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार कंपनी को भुगतान कर योजना का संचालन अपने हाथ में ले लेगी। इस बदलाव के बाद हरिद्वार में पॉड टैक्सी के चलने की संभावना एकबार फिर से बलवती हो गई है।

_______________________हरिद्वार पीआरटी बनाने के लिए यूकेएमआरसी ने मार्च 2023 में टैंडर निकाले लेकिन शुरुआती रुचि के बाद कोई कंपनी सामने नहीं आई। अब तय किया गया है कि हरिद्वार व दून पीआरटी का निर्माण हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल (हैम) के तहत किया जाएगा। इसमें सरकार कंपनी को परियोजना में होने वाले खर्च का 40 फीसदी भुगतान, कार्य प्रारंभ होने से पहले ही कर देती है। जबकि बाकी 60 फीसदी राशि कंपनी को खुद लगानी होती है। 15 साल बाद अगर कंपनी योजना से अलग होना चाहती है तो सरकार उसका संचालन अपने हाथ में लेते हुए बाकी की 60 प्रतिशत धनराशि तय शर्तों के अनुसार कंपनी को रिफंड कर देगी।

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हरिद्वार पॉड टैक्सी योजना की अबतक की प्रगति व सभी पहलुओं से शासन को अवगत करा दिया गया है। इसपर अब कोई भी निर्णय शासन को लेना है। जो भी निर्देश होंगे उसके अनुसार आगे काम बढ़ाया जाएगा।

 

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