खास लोगों की पसंद रहा है हरिद्वार

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पीयूष वालिया

खास लोगों की पसंद रहा है हरिद्वार
[मायावती ने तीन पासवान ने एक बार लड़ा हरिद्वार से चुनाव] -कुमार दुष्यंत

हरिद्वार, 30 मार्च।
हरिद्वार लोकसभा सीट पुराने समय से ही अहम सीट रही है जिसके कारण कई बार खास लोग भी यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं। 1987 उपचुनाव में तो हरिद्वार की चर्चा राष्ट्रीय फलक पर रही।
हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र पिछले कुछ समय से राजनीति के शीर्ष लोगों की पसंद बना हुआ है। 2009 से तो यहां पूर्व मुख्यमंत्री ही हाथ आजमा रहे हैं। जिनमें हरीश रावत को एकबार और पूर्व मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक को दो बार हरिद्वार के नेतृत्व का मौका मिल चुका है। इसबार भी चुनाव में त्रिवेंद्र रावत के रूप में एक पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार के मैदान में हैं।
1987 में तत्कालीन कांग्रेस सांसद सुंदरलाल के निधन के बाद हुए उपचुनाव में पूरे देश की निगाह हरिद्वार के परिणामों पर टिक गई। इसका एक कारण तो ये था कि तब उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम केंद्र की राजनीति को प्रभावित करते थे दूसरे उस समय मुख्यधारा की राजनीति के दिग्गज मायावती व रामविलास पासवान भी हरिद्वार चुनाव लड़ने चले आए थे। जिसके कारण तब पूरे चुनाव के दौरान राष्ट्रीय मीडिया में हरिद्वार लोकसभा की चर्चा होती रही। उस समय कांग्रेस की हवा थी। जिसके कारण कांग्रेस प्रत्याशी राम सिंह के सामने बसपा सुप्रीमो मायावती व राष्ट्रीय दलित नेता रामविलास पासवान को भी घुटने टेकने पड़े। मायावती कुल सात लाख में से सवा लाख वोट लेकर दूसरे स्थान पर रही। रामविलास पासवान को चौथे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा। दस्तावेजों के अनुसार मायावती ने बाद के दो चुनाव भी यहां लड़े लेकिन वह तीसरे चौथे स्थान पर ही रही।
2009 में उत्तराखंड राज्य के दूसरे लोकसभा चुनाव में चार बार के सांसद हरीश रावत अल्मोड़ा से निराश होकर सुकून तलाशने हरिद्वार चले आए। इस चुनाव में रिटायर होने के तुरंत बाद पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी भी आप टिकट पर हरिद्वार से चुनाव मैदान में कूद पड़ी। 2014 में मुकाबला तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत व पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के बीच हुआ और निशंक जीते। 2019 में भी पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ही जीते। इसबार भी सबकी निगाहें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के चुनाव परिणाम पर हैं।
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•धरती पकड़ ने भी पकड़ी हरिद्वार की धरती •

निकायों से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ने वाले चर्चित बरेली के बाबा जोगेंद्र सिंह उर्फ धरती पकड़ ने भी कई बार चुनावों में हरिद्वार की राह पकड़ी लेकिन परिणाम तालिका में वह हमेशा नीचे से दूसरे तीसरे स्थान पर ही आते रहे। 1987 के हरिद्वार उपचुनाव में उन्हें 583 वोट मिले और वह 18 प्रत्याशियों में 17वें स्थान पर रहे।

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