गायत्री साधना से विकसित होती है पात्रता ः डॉ. पण्ड्या शांतिकुंज में सामूहिक गायत्री साधना अनुष्ठान में जुटे हजारों लोग

0
36

पीयूष वालिया

गायत्री साधना से विकसित होती है पात्रता ः डॉ. पण्ड्या
शांतिकुंज में सामूहिक गायत्री साधना अनुष्ठान में जुटे हजारों लोग

हरिद्वार 10 अप्रैल।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री साधना से साधक में पात्रता विकसित होती है। साधना जाति, पांति, कुल, धर्म, धन, बल, परिवार आदि से परे होकर एकनिष्ठ भाव से करनी चाहिए। साधना काल में भगवत सत्ता की स्तुति भी करनी चाहिए, जिससे मन में पवित्र भाव का जागरण हो। प्रभु से नाता जोड़ने का सशक्त माध्यम है साधना और उनकी स्तुति।
प्रसिद्ध आध्यात्मिक चिंतक श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या शांतिकुंज के मुख्य सभागार में श्रीरामचरित मानस में माता शबरी की योग साधना विषय पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर शांतिकुंज कार्यकर्ता भाई बहिन सहित देश विदेश से आये हजारों गायत्री साधक उपस्थित रहे।
युवा प्रेरणास्रोत श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि हृदय की गहराई से की गई साधना फलीभूत होती है। जिस तरह माता शबरी ने प्रभु श्रीराम की साधना, भक्ति की, जिससे उन्हें साधना, योग व ज्ञान की परम अवस्था की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने कहा कि साधक के भक्ति भाव से भगवान प्रसन्न होते हैं और उन्हें अपने संरक्षण में लेते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम द्वारा शबरी को दी गयी नवधा भक्ति में से कम से कम एक उपदेश को प्रत्येक साधकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धवल चरित्र वाले साधक प्रभु के प्रिय होते हैं। इस अवसर पर युवा उत्कर्ष और साधना संबंधी अनेक पुस्तकों के लेखक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने सुधि शब्द व स्तुति का मर्म की गहनता के साथ व्याख्या भी की।
इससे पूर्व शांतिकुंज के संगीतज्ञों ने श्रीरामचरित मानस की महिमा गान के साथ प्रज्ञागीत से उपस्थित साधकों को भक्तिभाव में स्नान कराया। यहाँ आपको बताते चलें कि भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा यूके, यूएसए, कनाडा, सऊदी अरब, कुवैत, दुबई आदि देशों से अनेक साधक नौ दिवसीय अनुष्ठान के लिए शांतिकुंज पहुंचे हैं और वे अपने आत्मिक विकास के लिए सामूहिक साधना में जुटे हैं। गायत्री तीर्थ में नियमित त्रिकाल संध्या के दौरान सामूहिक जप एवं विशेष सत्संग का क्रम चलाया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here