श्रद्धाभाव से मनायी गयी मां दक्षिण काली एवं बाबा कामराज की जयंती

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पीयूष वालिया

श्रद्धाभाव से मनायी गयी मां दक्षिण काली एवं बाबा कामराज की जयंती
मां काली के अनन्य उपासक थे बाबा कामराज-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार, 13 जून। सिद्धपीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में बाबा कामराज एवं मां दक्षिण काली की जयंती श्रद्धाभाव से मनायी गयी। इस दौरान निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के संयोजन में मां दक्षिण काली व बाबा कामराज की विशेष पूजा अर्चना की गयी तथा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि बाबा कामराज मां काली के अनन्य उपासक और सिद्धपुरूष थे। बाबा कामराज आज भी मां दक्षिण काली की पूजा करने मंदिर में आते हैं। उन्होंने बताया कि बाल ब्रह्मचारी बाबा कामराज की तपस्या से प्रसन्न होकर मां दक्षिण काली ने उन्हें दर्शन देकर मंदिर की स्थापना करने की प्रेरणा दी। मां दक्षिण काली की प्रेरणा से बाबा कामराज ने दक्षिण काली मंदिर की स्थापना की। मंदिर की स्थापना करने के बाद और स्वामी कालिकानंद महाराज को गद्दी पर बैठाकर बाबा कामराज हिमालय की कंदराओं में चले गए। बाबा कामराज अमर हैं। इसलिए उन्हें अमरा गुरू भी कहा जाता है। मां दक्षिण काली मंदिर सिद्धपीठ है। पूरे देश के साधक मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं। मंदिर में पूजा अर्चना व दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है और सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकांनद ब्रह्मचारी, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य प्रमोद पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्त मौजूद रहे।

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