पीयूष वालिया
रोशनाबाद / हर दस कदम की दूरी पर यहाँ मौत के वो अड्डे खुल चुके है जहाँ आये दिन कोई न कोई अप्रिय घटना घटती रहती है कभी अयोग्यता व गलत दवाओं के चलते गर्भवती महिलाओं के गर्भपात कर दिये जाते है, तो कभी बीमार बच्चों कों गलत इलाज कर उन्हें मौत के मुँह मे धकेल दिया जाता है, कभी मेडिकलों पर एक्सपायरी दवायें बेचीं जाती है, तो कभी नशे की और नींद की गोलियाँ युवाओं कों परोसी जाती है ,ऐसी बहुत सी अवैध गतिविधियां रोशनाबाद क्षेत्र मे तेजी से पैर पसार रही है जिस कारण निकट बैठे स्वास्थ्य विभाग पर सैकड़ो सवालों की झड़ी लग जाती है,
ये वो क्षेत्र है जो स्वास्थ्य विभाग की नाक नीचे बसा है जहाँ स्वास्थ्य विभाग यहाँ होने वाली अवैध गतिविधियों पर इस कदर मेहरबान नजर आ रहा है की न तो इस और कभी भ्रमण करता है और न ही इन माफियाओं पर कोई उचित कार्यवाही,
इस क्षेत्र मे अधिकतर मेडिकल व क्लिनिक ऐसे है जिन पर कोई योग्य व अनुभवी संचालक दूर दूर तक नजर नही आता, कई मेडिकलों पर तो नाबालिक बच्चे मेडिकल संचालक बन बीमारों कों दवाये बेच रहे है, और हैरानी की बात ये है की कम पैसे और लालच के चलते लोग उनसे दवा खरीद भी रहे है,
अब इसे स्वाथ्य विभाग की लापरवाही कहे तो गलत नही होगा, अगर जल्दी ही इस क्षेत्र मे बढ़ते अवैध मेडिकल व क्लिनिकों पर लगाम नही लगाईं गई और गलत तरीके से व अधूरे मानको से चलने वाले मेडिकलों की जाँच कर उन पर कानूनी कार्यवाही नही की जाती तो इस क्षेत्र मे न तो नशे के कारोबार पर लगाम लगेगी और न ही उन अयोग्य व अवैध मेडिकल व क्लीनिको पर जो बिना डॉक्टर के पर्चे के लोगों का मनमर्ज़ी इलाज कर रहे है , क्योंकि जितने भी यहाँ मेडिकल चल रहे है उनमे से 80% मेडिकल अवैध व गैर कानूनी तरीके से चलाये जा रहे है, अगर प्रसाशन नशे पर प्रहार कर उसे समाप्त करना चाहता है और उत्तराखंड मुख्यमंत्री की नशा मुक्त राज्य मुहीम को साकार करना चाहता है तो यहाँ रोशनाबाद क्षेत्र मे बेलगाम बढ़ते इन मेडिकल व क्लीनिको की गंभीरता व बारिकी से जाँच करनी ही होगी,