पीयूष वालिया
संत समाज ने दी ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धांजलि
संत समाज की दिव्य विभूति थे ब्रह्मलीन पायलट बाबा-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
महादेव के अंशावतार थे ब्रह्मलीन पायलट बाबा-श्रीमहंत हरि गिरी
ब्रह्मलीन पायलट बाबा की शिक्षाओं और आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही जीवन का उद्देश्य-केको आइकावा
हरिद्वार, 6 सितम्बर। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित किए। जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में पायलट बाबा की मुख्य शिष्या एवं आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर केको आइकावा (योगमाता कैवल्यानंद) महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे। उन्होंने पूरे विश्व में सनानत धर्म का डंका बजाया। उनकी शिक्षाओं से प्रभावित होकर सौ से अधिक देशों के लोगों ने सनातन धर्म को अंगीकार किया। ब्रह्मलीन पायलट बाबा के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि महादेव के अंशावतार ब्रह्मलीन पायलट बाबा विद्वान संत थे। सन्यास दीक्षा लेने से पहले वायुसेना में विंग कमांडर के पद पर रहते हुए उन्होंने देश सेवा में योगदान दिया। धर्म सेवा और देश सेवा में ब्रह्मलीन पायलट बाबा का योगदान सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। श्रीमहंत हरिगिरी ने कहा कि जूना अखाड़े और संत समाज को पूरा विश्वास है कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा की शिष्या और आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर केको आइकावा, महामंत्री महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरी व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी अपने गुरूदेव की सेवा परंपरा को विस्तार देंगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति तथा संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनकी शिक्षाएं हमेशा शिष्यों का मार्गदर्शन करती रहेंगी। आह्वान पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा ने समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में अहम योगदान दिया और समस्त संत समाज को एकता के सूत्र में बांधा। जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी, श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि योग व धर्म संस्कृति के विलक्षण विद्वान ब्रह्मलीन पायलट बाबा के जीवन आदर्श से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी व नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने कहा कि संत महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं सदैव समाज मार्गदर्शन करती हैं। पायलट बाबा की प्रमुख शिष्या व आश्रम की अध्यक्ष केको आईकावा, महामंत्री साध्वी चेतनानंद गिरी व महामंत्री साध्वी श्रद्धा गिरी ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त किया। आश्रम की अध्यक्ष केको आइकावा (योगमाता कैवल्यानंद) ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन पायलट बाबा का सानिध्य प्राप्त हुआ। गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनकी योग शिक्षाओं और आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर शैलेषानंद गिरी, स्वामी मुक्तानंद, स्वामी प्रेमानंद, महंत महेश्वरपुरी, महंत महाकाल गिरी एवं महंत शैलेंद्र गिरी ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, स्वामी हरिचेतनानंद गिरी, महंत बलवीर गिरी, महंत ईश्वर दास, स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी यतिंद्रानंद गिरी, स्वामी गर्व गिरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, श्रीमहंत सत्य गिरी, स्वामी रामेश्वरांनद सरस्वती, महंत जसविंदर सिंह, स्वामी मुक्तानंद, श्रीमहंत साधनानंद, महंत राघवेंद्र दास, महंत विष्णुदास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी प्रेमानंद सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष व हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे।