रंगदारी मांगने के आरोप में पार्षद का भाई गिरफ्तार

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ब्यूरो

क्षेत्र के एक हार्डवेयर के व्यापारी से छह लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में कनखल पुलिस ने भाजपा पार्षद परमिंदर गिल के छोटे भाई रविंद्र गिल को गिरफ्तार किया है। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई है। भाजपा पार्षद के भाई की गिरफ्तारी के बाद दिन भर भारतीय जनता पार्टी में माहौल गर्माया रहाक्षेत्र के विष्णु गार्डन कालोनी (हरेराम आश्रम) के ठीक सामने रविंद्र कुमार सिंघल की सनराइज एजेंसी के नाम से हार्डवेयर की दुकान है। वे दुकान के ऊपर ही परिवार के साथ रहते हैं। सोमवार की दोपहर उनकी दुकान के बाहर एक पत्र पड़ा मिला। पत्र में लिखा था कि यदि वह जीवनभर सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं तो छह लाख रुपये की रकम अदा करनी होगी। कारोबारी ने तुरंत इसकी सूचना कनखल पुलिस को दी। कनखल पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पूरी हकीकत सामने आ गई।

सामने आया कि रंगदारी मांगने का पत्र चंद कदम की दूरी पर रहने वाले रविंद्र गिल पुत्र प्रीतम सिंह गिल ने फेंका था। पुलिस ने जब रविंद्र गिल को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। कबूला कि वह कुछ समय पूर्व जुए में करीब ढाई लाख की रकम हार गया था, इसलिए उसे कर्ज उतारना था। कर्ज उतारने के लिए उसके दिमाग में रंगदारी मांगने का आइडिया था।
एसओ विकास भारद्वाज ने बताया कि आरोपी रविंद्र भेल में संविदाकर्मी है। उसका भाई परमिंदर सिंह गिल क्षेत्र का पार्षद है। उन्होंने बताया कि पत्र फेंकने में इस्तेमाल की गई कार भी जब्त कर ली गई है। हार्डवेयर कारोबारी की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया है।

यहां छोड़ने को कहा था रकम
हरिद्वार। रंगदारी की रकम मंगलवार को अदा करने की बात पत्र में लिखी गई थी। बकौल पुलिस कि आरोपी ने लिखा था कि ऊंचा पुल ज्वालापुर के पास रकम छोड़ दी जाए, लेकिन उससे ही पहले वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

कानून अपना काम करेगा
भाई के रंगदारी मांगने और गिरफ्तारी पर भाजपा पार्षद परमिंदर गिल का कहना है कि जो कुछ भी हुआ है उसकी सजा कानून देगा। इस मामले में उनका अपने भाई से कोई लेना देना नहीं है। वह हार्डवेयर कारोबारी से मिलकर सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे। पुलिस अपना काम कर चुकी है, इस पूरे प्रकरण से पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हूं।

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