पीयूष वालिया
राकेश लोहट ने बताया के त्योहार प्रेम और सोहाद्र का त्यौहार है एक माह तक चलने वाला पाक पवित्र रमजान का महीना है। इस अवसर पर रमजान पूरा होने पर रोजेदार नए कपड़े पहन कर ईदगाह पहुंचते हैं और मौलाना द्वारा खोतवा व तकरीर पढ़ा जाता है। उसके बाद ईद की नमाज के उपरांत रोजेदार एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक देते हैं। एक-दूसरे की सलामती की दुआ करते हैं, लेकिन इस बार भी पिछले वर्ष की तरह ईद की मुबारकबाद में कोरोना की दीवार बनी है। इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कोरोना वायरस के कारण त्योहर का रंग उड़ सा गया है। इस अवसर पर एक-दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद नहीं दे सकेंगे। लॉकडाउन का पालन करने के लिए तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए ईदगाह में लगने वाला मेला इस बार भी सुना रहेगा। रोजेदार एक-दूसरे से अलग रहकर मुबारकबाद देंगे। खुदा की इबादत दिल से होती है और दिल से की गई इबादत खुदा जरूर कुबूल करता है।पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है। इससे लोगों की खुशहाली कोरोना की भेंट चढ़ गई है। सब धर्मों से ऊपर मानव धर्म है और मानव धर्म के तहत रोजेदार अल्लाह से दुनिया को इस बीमारी से निजात दिलाने की दुआ कर रहे हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सबसे बड़ा सहयोग शारीरिक दूरी है। दो गज की दूरी ओर मास्क है जरूरी ,कोविड -19 के नियमो का अनुपालन करते हुए ईद के अवसर पर घर के अंदर रहकर परिवार के साथ नमाज पढ़ें और देश को कोरोना से निजात दिलाने के लिए दुआ करें।
सभी रोजेदारों को ईद की दिली मुबारकबाद