पीयूष वालिया
द्वितीय दिवस के सायंकालीन कार्यक्रम में दिव्य लोक नृत्य एवं लोकगायन की दिव्य प्रस्तुति
जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की “आचार्यपीठ पर पदस्थापन के दिव्य 25 वर्ष” पूर्ण होने के अवसर पर “श्रीदत्त जयन्ती” पर हरिहर आश्रम, हरिद्वार में “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” का भव्य आयोजन किया गया है।
इस “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” के द्वितीय दिवस के सायंकालीन कार्यक्रम में पद्मश्री विभूषित मालिनी अवस्थी जी द्वारा शास्त्रीय लोक-गायन की मधुरतम प्रस्तुति दी गई। प्रथम गीत रामलला को समर्पित करते हुए प्रभु के जन्मोत्सव का गीतात्मक वर्णन किया गया। श्रीमती मालिनी अवस्थी एक ऐसी भारतीय लोक गायिका हैं, जो हिन्दी भाषा की बोलियों जैसे अवधी, बुंदेली भाषा और भोजपुरी में गाती हैं। वह ठुमरी और कजरी का विशेष रूप से गायन करती हैं।
इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव ने राम को भारत का प्रथम स्वर बताते हुए कहा कि राम ब्रह्म है, भारत का प्राण हैं। वे एक इसे गीत हैं, जिसे रोज़ गुनगुनाया जाता है। उन्होंने सभी कलाकारों की प्रशंसा करते हुए उन सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
केरला के महामहिम राज्यपाल मोहम्मद आरिफ़ खान का आगमन तथा जम्मू कश्मीर के महाहिम उप-राज्यपाल आदरणीय श्री मनोज सिन्हा जी की उपस्थिति से सांयकालीन सभा सुशोभित हुई।
इस दिव्य महोत्सव में अभिनेता, राजनेता (लोकसभा सदस्य) गायक, निर्देशक आदरणीय श्री मनोज तिवारी जी का आगमन हुआ और उन्होने मंच पर गायन की मधुरतम प्रस्तुति दी। माँ को समर्पित अपने गीत में उन्होंने गंगा माँ और सम्पूर्ण मातृसत्ता के प्रति आभार प्रकट किया और राम महिमा का बखान किया। साथ ही उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से कुछ सामाजिक संदेश भी दिए।
इसी दिव्य कार्यक्रम में देश की प्रसिद्ध लोकनृत्यांगन और लोकनृत्य निर्देशिका आदरणीया श्रीमती मैत्रेयी पहाड़ी जी और उनकी टीम ने अपने दिव्य शास्त्रीय नृत्य संगीत नाटिका की प्रस्तुति दे कर अलग ही समा बाँध दिया।
शास्त्रीय संगीत के साथ शास्त्रीय नृत्य की विविध विधाओं जैसे कत्थक, मणिपुरी, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनी-अटम्म नृत्य शैलियों का मंचन की प्रस्तुति मंच पर एक अद्भुत छटा बिखेर रही थी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति से देश की अलग-अलग संस्कृतियों को मंच पर एकत्रित कर दर्शकों को लघु भारत के दर्शन कराये।
सभी साधकगण इन सभी दिव्य कलाकारों की रससिद्ध और रोमांचक प्रस्तुतियों से भावमय समाधि में लीन हो गए।
इस अवसर पर केरला के राज्यपाल महामहिम आरिफ मोहम्मद खान जी, जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल महामहिम श्री मनोज सिन्हा जी, मध्य प्रदेश के पूर्व-कैबिनेट मंत्री आदरणीय श्री अजय सिंह “राहुल भैया”, सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता आदरणीय श्री सुभाष कपूर जी, उत्तराखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय श्री महेन्द्र जी, भा.ज.पा. सांसद आदरणीय श्री लक्ष्मीकान्त बाजपेयी जी, पूज्य स्वामी परमात्मानन्द जी, आदरणीय पंडित विजय शंकर मेहता जी, पांचजन्य के प्रधान सम्पादक आदरणीय श्री हितेश शंकर जी, आदरणीय श्री प्रफुल्ल केतकर जी, प्रभु प्रेमी संघ की अध्यक्षा पूजनीया महामण्डलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि जी, महामण्डलेश्वर पूज्य श्री स्वामी ललितानन्द गिरि जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य श्री स्वामी अपूर्वानन्द गिरि जी महाराज, संस्था के अनेक वरिष्ठ न्यासीगण, वरिष्ठ प्रशासनिक व अधिकारी गण, शहर के अनेक गणमान्य विभूतियाँ तथा देश-विदेश से बड़ी संख्या में पधारे साधकों की उपस्थिति रही।