कड़ाके की ठंड से कांप रहा है। जनपद के ग्रामीण इलाकों में घने कोहरे व शीत लहर

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पीयूष वालिया

हरिद्वार। पूरा उत्तराखंड इस समय कड़ाके की ठंड से कांप रहा है। जनपद के ग्रामीण इलाकों में घने कोहरे व शीत लहर से आम जन की मुश्किले बढ़ा दी है, कड़ाके की ठंड के चलते पारा बिल्कुल नीचे लुढ़क गया है।  पुरा मैदानी क्षेत्र शीतलहर की चपेट में है, शीतलहर ने लोगो को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है, जो लोग काम से घरों से बाहर निकल भी रहे है पूरी तरह सर्दी से बचने की कोशिश कर रहे हैं, तो वही दूसरी तरफ कोहरे ने जिंदगी की रफ्तार थाम कर रख दी है। घने कोहरे से आवाजाही पूरी तरह प्रभावित हुई है।पिछले दो हफ्ते से मैदानी क्षेत्रों में धूप नही निकली जिससे तापमान में गिरावट आई है। विषेशज्ञों की माने तो आने वाले अगले कुछ दिन और कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है जो लोगो को घरों में कैद होने के लिए मजबूर कर देगी। ग्रामीणों का कहना कि ठंड बहुत है, घर से बाहर निकलने के लिए सोचना पड़ रहा है। लोग अलाव लगा कर अपने आपको ठंड से बचाने की कोशिश कर रहे है। 

किसान पवन सैनी, बलबीर, सुशील, दीपक, रियाज, गुलदीप का कहना है की इस वक्त मिल किसानों को गन्ने की पर्चियां दे रहा है जिसके चलते गन्ने की छिलाई का कार्य चल रहा है, लेकिन अधिक कोहरे के चलते गन्ने की छिलाई नहीं हो पा रही है। किसानों को अपनी पर्ची की पूर्ति करने के लिए मजदूरों को अधिक पैसे देकर काम कराना पड़ रहा है। मजदूर भी अधिक कोहरा होने के कारण धीमे कार्य कर रहे हैं जिसके कारण किसानो को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं कोल्हू में भी गन्ने की पेराई तेजी से नहीं हो पा रही है। कोल्हू स्वामियों तालिब, नसीम, सराफत शाह, आदि का कहना है कि कोहरा बरसात की तरह बरसने के कारण ईंधन गीला हो रहा है। जिस कारण रस की पकाई के लिए पर्याप्त मात्रा में सूखा ईंधन नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से कोल्हू में गन्ने की पेराई दो-तीन दिन से धीमी है। यदि कोहरा इसी तरह से बरसता रहा तो गुड् के उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। ग्रामीण अलाव का सहारा लेकर दिन काट रहे है। ऐसे में बच्चों को घरों के अंदर रोक पाना मुश्किल हो रहा है

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