साधना से परब्रह्म की प्राप्ति संभव ः डॉ पण्ड्या

0
38

पीयूष वालिया

साधना से परब्रह्म की प्राप्ति संभव ः डॉ पण्ड्या
शांतिकुंज पहुंचे हजारों गायत्री साधक अपनी साधना की 51 कुण्डीय यज्ञशाला में करेंगे पूर्णाहुति

हरिद्वार 16 अप्रैल।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम शबरी को उपदेश देते कहते हैं कि दृढ़ विश्वास के साथ जप साधना करना, मेरी भक्ति में से एक है। यह भक्ति नवधा भक्ति के मध्य में यानि केन्द्र में स्थित है। जिस प्रकार शरीर का प्रत्येक अंग अवयव उपयोगी है, पर प्राण के बिना वह सक्रिय नहीं रह सकते, उसी प्रकार पाँचवीं भक्ति नवधा भक्ति रूपी कलेवर का मानो प्राण है।
मानस मर्मज्ञ श्रद्धेय डॉ पण्ड्या जी श्रीरामचरित मानस में माता शबरी की योगसाधना के नौ सोपान विषय पर आधारित सत्संग शृंखला के आठवें दिन साधकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवरात्र साधना में गायत्री महामंत्र का जप श्रद्धानिष्ठा व पूर्ण विश्वास के साथ करना चाहिए। सच्चे मन से की गई साधना द्वारा परब्रह्म की प्राप्ति संभव है। प्रसिद्ध आध्यात्मिक चिंतक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र के दिनों में गायत्री साधना करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के द्वेष, भय जैसे नकारात्मक चीजों का अंत होता है। इस मंत्र के जप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है और जाग्रत व्यक्ति ही परिवार, समाज व राष्ट्र की सेवा कर सकता है। गीता व रामायण से संबंधित अनेक पुस्तकों के लेखक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि जिस तरह मक्खन को गरम करने से घी तैरकर अलग हो जाता है, उसी तरह सच्चे मन से की गयी साधना से साधक का अहंकार, दोष दुर्गुण अलग होने लगता है।
मानस मर्मज्ञ डॉ पण्ड्या ने श्रीरामरामचरित मानस में प्रभु श्रीराम व शबरी संवाद, गरुड़ और काकभुशुण्डि संवाद का सुन्दर उल्लेख करते हुए नवधा भक्ति के गुणों को अपने व्यावहारिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
समापन से पूर्व शांतिकुंज के युगगायकों ने अपनी भक्ति का अमृत पिला दो प्रभु…… प्रज्ञागीत गाकर उपस्थित साधकों को भक्तिभाव से झंकृत कर दिया। श्रीरामचरित मानस की महाआरती में साधकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान देश-विदेश से आये साधकों सहित शांतिकुंज एवं देवसंस्कृति विवि परिवार के अनेकानेक साधक उपस्थित रहे।
शांतिकुंज स्थित संस्कार विभाग के श्री उदय किशोर मिश्रा ने बताया कि नवरात्र साधना की पूर्णाहुति रामनवमी (बुधवार) को होगी। इस दौरान 51 कुण्डीय यज्ञशाला में हजारों नवरात्र साधक अपनी अपनी साधना की पूर्णाहुति-हवन करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here