संस्कृत के साथ-साथ कंप्यूटर आधारित ज्ञान भी तर्कसंगत एवं उपयोगी: विवेक शुक्ल

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पीयूष वालिया

संस्कृत के साथ-साथ कंप्यूटर आधारित ज्ञान भी तर्कसंगत एवं उपयोगी: विवेक शुक्ल
***श्रीभगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय का दीक्षारंभ समारोह जारी

हरिद्वार । श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में; दीक्षारम्भ कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार को कम्प्यूटर विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम संयोजक आचार्य दीपक कोठारी ने बताया कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार; श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में 01जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक दीक्षारम्भ कार्यक्रम चल रहा है। इस कड़ी में कार्यक्रम के षष्ठ दिवस पर, आधुनिक विषय विभाग के प्राध्यापक विवेक शुक्ल ने छात्रों को कम्प्यूटर के महत्त्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में संस्कृत के साथ-साथ कंप्यूटर आधारित ज्ञान भी तर्कसंगत एवं उपयोगी है। संस्कृत छात्रों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान होना अति आवश्यक है। इस हेतु केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली एवं श्रीभगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय द्वारा दिन प्रतिदिन पाठ्यक्रम के अनुसार, सभी छात्रों को कम्प्यूटर का अध्ययन कराया जा रहा है। साथ ही उन्हें संस्कृत के इतर भी रोजगार परक शिक्षा देकर उनके चहुंमुखी विकास हेतु प्रयास किया जा रहा है। कम्प्यूटर अध्ययन से न केवल छात्र अपना व्यक्तिगत ज्ञानवर्धन ही करता है; साथ ही अन्य रोजगारपरक शिक्षा भी प्राप्त करके, अपने करियर हेतु अन्य विकल्प भी तैयार करता है।
वर्तमान समय में कम्प्यूटर का क्षेत्र विद्यार्थियों के लिए अधिक उपयोगी एवं सार्थक है। उक्त क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करके विद्यार्थी अपने आगामी जीवन में नए विकल्प के साथ तेजी से उन्नति कर सकता है। श्रीशुक्ल ने बताया कि जिस प्रकार संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में प्रयुक्त सभी भाषाओं का उद्गम भी संस्कृत है तथा संस्कृत भाषा का कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आज वर्तमान में जितनी भी कम्प्यूटर आधारित भाषाएं प्रयोग में लायी जा रही हैं, उन सब में संस्कृत में लिखे हजारों वर्ष पूर्व के ग्रंथो का ही गूढ़ सार निहित है। इस अवसर पर व्याकरण विभागाध्यक्ष डाॅ.रवीन्द्र कुमार आर्य,आधुनिक विषय विभाग की सहायकाचार्य डाॅ.मञ्जू पटेल,अंग्रेजी विषय की सहायकाचार्य डाॅ.आशिमा श्रवण,वेदान्त विभाग के प्राध्यापक डाॅ.आलोक सेमवाल,योग विषय के प्राध्यापक मनोज गिरि एवं अतुल मैखुरी,संस्कृत शिक्षक डाॅ.प्रमेश बिजल्वाण,साहित्य विभाग के प्राध्यापक डाॅ.अंकुर आर्य ,व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.शिवदेव आर्य आदि सहित नव प्रविष्ट छात्र समुपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ.व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव के द्वारा भी छात्रों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया गया।
इस पञ्चदश दिवसीय दीक्षारम्भ- कार्यक्रम का संयोजन, व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.दीपक कुमार कोठारी द्वारा किया जा रहा है।

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