शांतिकुंज में 411वाँ रविवारीय पौधारोपण

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पीयूष वालिया

शांतिकुंज में 411वाँ रविवारीय पौधारोपण

आज पूरी दुनिया पर्यावरण प्रदूषण से त्रस्त है। वैश्विक सम्मेलनों में इसको लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। ऐसे में परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित संगठन अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा वृक्ष गंगा जन अभियान से लोगों की आशा टिकी है। विगत कई दशकों पूर्व से ही अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या से मार्गदर्शन एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्यम पण्ड्या के नेतृत्व में देश भर मे फैले गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ताओं ने वृहत स्तर पर पौधारोपण करना प्रारंभ किया है। कई राज्यों के युवा द्वारा प्रत्येक रविवार को सामूदायिक भवनों, कॉलेजों, पहाड़ों, जलस्रोतों के तटों आदि स्थानों में पौधारोपण किया जा रहा है। जन्मदिन और विवाहदिन या कोई अन्य शुभ अवसरों पर भी पौधारोपण किया जाता है।
इसी कड़ी में गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ, बडौदा गुजरात की टीम श्रीमती कश्मीरा बेन के नेतृत्व में शांतिकुंज पहुंची और 411 वाँ रविवारीय पौधारोपण शांतिकुंज के उद्यान विभाग के निकट सीता अशोक का पौधा रोपे। इस पौधे का पूजन शांतिकुंज की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने किया।
श्रीमती कश्मीरा बेन ने बताया युवा प्रकोष्ठ बडौदा की टीम 5 जून 2016 से प्रत्येक रविवार को पौधारोपण की शृंखला का प्रारंभ किया। अब तक पचास हजार से अधिक पौधों का रोपण आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, रेलवे, गवर्नमेंट सेक्टर, गांवों में किसानो के खेत आदि जगह पर वृक्षारोपण और पर्यावरण जागरूकता का कार्यक्रम किया जा चुका है।
अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि वृक्ष प्रकृति के परिधान है, जलदाता-जीवनदाता है। मानव जाति के अनन्य सेवक हैं। उन्होंने कहा कि वन्दनीया माताजी की शताब्दी वर्ष 2026 के अवसर पर हम सभी को प्रकृति की एकात्मता का संकल्प को पूरी दृढ़ता के साथ दोहराना है। उन्होंने गाँवों, नगरों में चलने वाले वृक्ष गंगा अभियान में किसी न किसी प्रकल्प के माध्यम अथवा अवसरों में पौधारोपण अवश्य करें। डॉ पण्ड्या ने पर्यावरण संरक्षण को युग धर्म की संज्ञा दी।
गायत्री परिवार ने वृक्ष गंगा अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत 1 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को 4 श्रेणियों में बांटा गया है पहला- श्रीराम स्मृति उपवन, जिसके तहत नगरों के सार्वजनिक स्थलों पर पौध रोपण होगा। दूसरा है श्रीराम स्मृति वन/पर्वत, जिसके तहत शहर और गांवों की खाली पड़ी परती भूमि या पहाड़ों पर पौधारोपण का कार्यक्रम होगा। इसी तरह निजी उद्यानों के लिए श्रीराम वाटिका और बाल वाटिका अभियान चलाए जायेंगे। हम सभी को भी पौधों को अपना मित्र या पुत्र की भांति संरक्षित करने का संकल्प लेना है और ग्लोबल वार्मिंग में अपना व्यक्तिगत सहयोग करना है। पौधारोपण के अवसर पर रचनात्मक आंदोलन प्रकोष्ठ के श्री केदार प्रसाद दुबे, उद्यान विभाग के समन्वयक श्री सुधीर भारद्वाज, गुजरात युवा प्रकोष्ठ की श्रीमती कश्मीरा बेन सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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