राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में देसंविवि का परचम विभिन्न आसनों में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर बढ़ाया देवभूमि का मान

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पीयूष वालिया

राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में देसंविवि का परचम
विभिन्न आसनों में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर बढ़ाया देवभूमि का मान

हरिद्वार 5 अगस्त।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के योग के विद्यार्थियों ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। यह तालबद्ध सामूहिक योग प्रतियोगिता, युवा जीवन अभ्युदय द्वारा आनंदधाम आश्रम में किया गया था। इस आयोजन में देश के नामचीन विश्वविद्यालयों के कई सौ विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
इस प्रतियोगिता में देसंविवि के योग विभाग के 12 विद्यार्थियों ने अनेक योगासनों का लयबद्ध तरिके से आकर्षक प्रदर्शन किया। अपने प्रदर्शन में त्रिविक्रम, महाकरण आसन, हस्त लिंकारा आसन, चक्र आसन, भक्त पाद शिव लिंकरासन, डिम्बासन आदि आसनों का प्रदर्शन किया और रजत पदक जीता। वहीं प्रथम स्थान इण्टरनेशनल योग स्कूल, दिल्ली को मिला। आनंदधाम आश्रम के संस्थापक श्री सुधांशु जी महाराज ने पदक, प्रशस्ति पत्र एवं नकद राशि भेंटकर देसंविवि के विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
वापस लौटने पर कुलपति श्री शरद पारधी ने सभी छात्र-छात्रओं एवं शिक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें ऐसे ही निरंतर आगे बढ़ते रहने का प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा रजत पदक प्राप्त कर पूरे विश्वविद्यालय परिवार एवं देवभूमि उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया से लेकर विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देसंविवि के विद्यार्थियों का उत्कृष्ट कार्य एवं प्रदर्शन भारतीय युवाओं को योग के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देसंविवि परिवार ने भी विजेताओं का भव्य स्वागत किया।
देसंविवि लौटकर विद्यार्थियों ने बताया कि कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या, कुलसंरक्षिका श्रद्धेया शैलदीदी के संरक्षण-मार्गदर्शन तथा प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व में विवि सतत आगे बढ़ रहा है। स्कूल ऑफ योग के डीन प्रो. सुरेश वर्णवाल, विभागाध्यक्ष डॉ कामता साहू, डॉ राकेश वर्मा, श्रीमती लक्ष्मी कुमारी द्वारा पढ़ाये एवं सिखाये गए योगाभ्यास का ही परिणाम है कि हम लोग राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में विवि के साथ देवभूमि का नाम रोशन कर पाये।

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