दान के पैसों को पीएम केयर फंड में डालने को लेकर पूर्व हज कमेटी चेयरमैन हाजी राव शेर मोहम्मद उठाए सवाल

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सलमान गौर

दान के पैसों को पीएम केयर फंड में डालने को लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ अब राजनीतिक दल भी सामने आ गया है। पीएम केयर फंड में पैसा डालने की खबर मिलने पर स्थानीय लोगों के साथ राजनैतिक दलों में रोष जारी है। बुलन्द भारत के क्राइम रिपोर्टर सलमान गौर ने पूर्व हज कमेटी चेयरमैन हाजी राव शेर मोहम्मद से खास बातचीत की। हाजी राव शेर मोहम्मद ने कहा कि दान के पैसों को पीएम केयर फंड में डालने की जो चर्चा चल रही है। इससे देश को निगेटिव मैसेज जायेगा दान का जो पैसा होता है। वह दान का पैसा यतीम मिस्कीन गरीबो का हक है।
दरगाह के दान के पैसों के लिए वक्फ बोर्ड एक्ट बनाया हुआ है। इससे की दरगाह का पैसा कहा लगाया जाए या कहा नही वह वक्फ बोर्ड एक्ट के नियम के अनुसार खर्च किया जा सकता है। अगर सरकार इस पैसे को वक्फ बोर्ड अधिनियम एक्ट तोड़कर उस पैसे को निकाल ले तो देश में एक नकारात्मक संदेश जाएगा कि क्या सरकार की इतनी दयनीय स्थिति आ गई है? कि वह दान मे दरगाहो मस्जिदो कब्रिस्तानों व मंदिरों का पैसा तक लेने पर ऊतर गई है। हम इसका पूर्ण रूप से विरोध करेंगे। पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में इस संबंध में राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। अगर सरकार दान के पैसे को निकालती है। तो इस संबंध में देश में एक आंदोलन खड़ा हो जाएगा। क्योंकि साबिर ए पाक को देश ही नहीं विदेशों में भी करोड़ों की संख्या में चाहने वाले हैं। अगर इस तरह दान का पैसा निकाला जायेगा तो देश के कोने-कोने में आंदोलन होगा। दान का पैसा दान में नहीं दिया जा सकता है। अगर कोई अपनी स्वैच्छिक से पीएम केयर फंड में पैसा देना चाहता है। तो वो पीएम केयर फंड में पैसा डाल सकता है। लेकिन दान के पैसे को इस प्रकार से नहीं निकाला जा सकता है। क्योंकि दान का पैसा गरीब मजदूर फकीर व कलियर की सौंदर्यीकरण के लिए खर्च किया जा सकता है। न की दान का पैसा दान में दिया जा सकता है। इस प्रकार की चर्चा सामने आ रही है। अगर ऐसा होता है तो फिर देश में आंदोलन होंगे। जिसकी जिम्मेदार खुद सरकार होगी।

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