भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (रजि०) भावाधस भारत के पूर्व राष्ट्रीय प्रचार मंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राकेश लोहट सफाई सैनिको के लिए उठाई सरकार से मांग

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पीयूष वालिया

 वाल्मीकि धर्म समाज (रजि०) भावाधस भारत के पूर्व राष्ट्रीय प्रचार मंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राकेश लोहट सफाई सैनिको के लिए उठाई सरकार से मांग

 

कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में सफाईकर्मी ऐसे सैनिक हैं, जो दिखाई तो हर जगह देते हैं, पर उनको अपेक्षित महत्त्व और सम्मान नहीं मिल रहा। कोरोना के खिलाफ डटकर खड़े इन योद्धाओं को मास्क, स्पेशल पीपीई किट, आधुनिक सफाई यंत्र और विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई। आज भी सफाईकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर नाली सीवर मैनहोल में उतर कर सफाई कर रहे हैं। आज भी वे गंदगी को हाथ से उठा रहे हैं। अपने जीवन को संकट में डालकर बिना किसी बचाव के साधनों के अपने कार्य में जुटे इन सफाईकर्मियों की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है।

अस्पताल में सबसे पहली पंक्ति में यही लोग खड़े होते हैं। इनके बाद नर्सिंग स्टाफ और बाद में स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं। नर्सिंगकर्मी और डॉक्टर पीपीई किट, मास्क, दस्ताने आदि सुरक्षा उपकरणों के साथ पीड़ित से संपर्क करते हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी एक साधारण से मास्क के साथ गंभीर परिस्थिति में भी कोरोना मरीजों के आस-पास रहकर उनका पूरा ध्यान रखते हैं। कोरोना पीड़ितों की मृत्यु होने पर जब परिवार के सदस्य भी शव को हाथ लगाने से डरते हैं, सफाईकर्मी शव को एंबुलेंस में रखते हैं और दाह संस्कार के लिए भी शव लेकर जाते हैं। सफाई कर्मचारी बिना डरे सुबह से शाम तक कोरीना से युद्ध कर रहा है। क्या हम उनको आधुनिक संयंत्रों और सुविधाओं के साथ इस युद्ध में नहीं भेज सकते? यदि वे आधुनिक अस्त्र-शस्त्रों के साथ इस महामारी के युद्ध में उतरेंगे, तो खुद भी सुरक्षित रहेंगे और हमें भी सुरक्षित रखेंगे। एक आधुनिक सुरक्षा घेरे के साथ-साथ उसे समाज में सम्मान और सहयोग भी मिलना चाहिए। सफाईकर्मी हम सभी के स्वास्थ्य के आधार स्तंभ हैं। ये सड़कों, गलियों, नालियों, कचरा स्थलों, अस्पताल, मुर्दाघर ही नहीं, श्मशान स्थल पर भी काम करते नजर आते हैं। वे हमारे स्वास्थ्य के लिए हर क्षेत्र को स्वच्छ बनाने में लगे रहते हैं। विडंबना यह कि इनको समाज में कभी भी वह सम्मानजनक स्थान नहीं दिया गया है, जिसके वे हकदार हैं। इनके स्वास्थ्य शिक्षा, आवास, पोषण आदि पर भी कोई विशेष योजना बनाकर कार्य कभी नहीं किया जाता।

 

देश, समाज और हर परिवार को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए सफाईकर्मी जी-जान से जुटे हैं। इसलिए इनके प्रति सहृदयता रखकर इनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। इनके साथ संवेदनशील व्यवहार होना चाहिए। साथ ही इन्हें आधुनिक सुरक्षा साधन उपलब्ध कराने ही होंगे। इनके परिवार जन के लिए सार्थक योजनाएं बनानी होगी, ताकि इस महामारी या फिर आने वाली किसी भी आपदा में मनोबल बना रहे। कोरोना की विकट स्थिति में भी सफाईकर्मी जिस तरह से काम कर रहे हैं उनको सफाई सैनिक के दर्जा देना चाहिए,वह सराहनीय है।मेरा सेल्यूट ही सभी सफाई सैनिको को

 

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