पहली बात यह कि मंत्री जी को.. (थप्पड़ क्यों मारना पड़ा….)
दूसरी बात वीडियो को बारीकी से देखेंगे तो.. जब मंत्री के गनर ने एक को थप्पड़ मार कर वहां से हटाने का प्रयास किया…तो उसके दूसरा साथी ने मंत्री के गनर पर कुछ उठा कर हमला करने का प्रयास किया.. मतलब 2 लोग मन्त्री के गनर पर चिपके… और ये देख पीली शर्ट वाले व्यक्ति ने.. गनर का बचाव करते हुए उन दो लोगों पर.. हाथ छोड़े…..
और यदि वीडियो को ओर बारीकी से देखेंगे तो.. 22 से 23 सेकंड के बीच मंत्री की कार की एक तरफ प्रेम चंद्र अग्रवाल के कुर्ते और गिरेबान तक.. उस व्यक्ति का हाथ पहुंचा … ( मंत्री के अनुसार मंत्री पर हमला )
और फिर दे दना दन… मंत्री सहित अन्य लोगों ने उनको धो डाला …
यही पूरा घटनाक्रम है…..
इस पूरे घटनाक्रम को जिसको जैसे लेना, देखना है, वह देख सकता हे..
पर मैं एक सवाल छोड़कर जा रहा हूं… कि यदि.. मंत्री के गनर को.. जो वर्दी में.. उसे मारने के लिए.. दो लोग एक साथ आ जाते हैं….. तो फिर.. आप ये समझ लीजिए..कि.. पुलिस का भय कम होता जा रहा है….. ..
रही बात मंत्री पर हमले की.. तो… यह बात भी सही है….
क्योंकि जब… पुलिस वाले…. मंत्री के गनर.. तक का भय उनको नही रहा.. ओर वे दो लोग गनर को मारने एक साथ आ लिए… तो निश्चित ही.. प्रेमचंद अग्रवाल को गालियां दी होंगी…… अपशब्द कहे होंगे…..!!!और फिर ये पूरा प्रकरण हो गया….
लेकिन इसके बावजूद भी…ये जरूर कहेंगे कि… मंत्री जी… आपको अपने गुस्से पर कंट्रोल रखना चाहिए….. कभी कबार… बिन गलती के भी… आपका गुस्सा… आप को… हीरो की जगह विलेन बना देता है…