ठोकरे देकर हमे सही राह दिखाती हैं, इस तरह जिंदगी जिनेका पाठ सीखाती हैं – अभिनेता राजेश गायकवाड

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ठोकरे देकर हमे सही राह दिखाती हैं, इस तरह जिंदगी जिनेका पाठ सीखाती हैं  – अभिनेता राजेश गायकवाड

             

2000 मे मेरी शादी हुई. घर और मकान ही, लेकिन शरीर के अंदर वाला कलाकार कुछ भी चैनसे बैठने नही दे रहा था। और फिरसे एक्टिंग की फील्ड में आ गए। एक बार मैं ठाणे में गडकरी रंगायतन घूमने गया, क्योंकि मेरा सासुराल  गडकरी रंगायतन के पास था। मैं देवेन बछाव नामक व्यक्ति से मिला। उनके अलग- अलग प्रोजेक्ट चल रहे थे। मैंने उनकी श्रावस्ती नामक संस्था से काम करना शुरू किया। मैं उनके एकांकीका मे निर्देशन करने लगा। इस बीच वह स्ट्रीट प्ले शो भी किया करते थे। इसके बाद से यानी 2001 से उन्होंने नुक्कड़ नाटक करना शुरू कर दिया। उस समय संदेश अहिरे, सलीम शेख संदीप नाईक, समीर खरात, प्रकाश पांचाल आदि प्रतिभाशाली कलाकारों से मेरी मुलाकात हूई। एकांकी नाटक करते समय संदेश ने मुझसे कहा, सर, आप नाटक क्यों नहीं लिखते? तब मैंथ व्यावसायिक नाटक “खोट्याचा बोलबाला” नाटक लिखा,  उसमें लगभग चौदह- पंद्रह कलाकार थे , और मैंने इसे निर्देशित भी किया। उनके शो यह बहुत कम हुये। बाद मेंy मैंने एक- अभिनय नाटक “कथा नाटकाच्या तालामिची” को एक व्यावसायिक नाटक में रूपांतरित किया। इसे संदेश अहिरे द्वारा निर्देशित किया गया था। इसके सोलाह, सतरह शो हो गये, जबकि पथ नाट्यके शो चल रहे थे । इसने अब तक 9000 के आस पास शो किए। पथ नाट्य करते समय 2010 में, मैं महादेव सूर्यवंशी, करिश्मा वाघ, प्रसाद सावंत, माधवी सावर्डेकर,  अजय कलढोन जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों से मेरी मुलाकात हुई। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। भले ही वह कमी उम्र के थे । मैं उनाको भी अपना गुरू मानता हु,  अजय कलधोन ने मुझे लावणी के शो में कॉमेडी स्कीट ( बतावणी ) करने का पहला मौका दिया। फिर निवेदन कैसे करना वो सिखाया, समय समयपर दिनेश कोयंडे और दिव्येश शिरवणकर इनका भी मार्गदर्शन मिला। 2020 तक सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था। पठनाट्य चल रहे थे l लावणी शो और महाराष्ट्र की लोकधारा शो। चल ही रहा था। उसमे मैं करेक्टर करणे इसके अलावा मैंने गाना शुरू किया। मुझे मेरे माता पिता l बडा भाई तीन बहने मेरी बेटिया और खास करके मेरी पत्नीका बहोत सपोर्ट मिला l २०२० तक बहोत अच्छा चल रहा था l अचानक पुरी दुनियाही लुक गई l कोरोना जैसे महमारिका संकट आया और लॉक डाऊन शुरू हो गया l सब बंद हो गया l फिर एक सालके बाद मतलब २०२१ मे थोडा लॉक डाऊन शिथिल हो गया l बाकी सब बंद था लेकीन सीरियलकी शूटिंग चालु हो गई थी l तभी कास्टिंग डायरेक्टर संतोष तेलीजी से मेरी पहेचान हुई l उन्होंने मुझे डॉ बाबा साहेब आंबेडकर , देव पावला, अबोली , बाळु मामा, ठिपक्यांची रांगोळी, आई कुठे काय करते आदी सिरीयलमे मुझे काम करनेका मोका दिया l धन्यवाद संतोषजी l फिर अहिस्ता आहिस्त सब शिथिल हो गया, अभी सब पहेले जैसे ही अच्छेसे शुरु हो गया l पथ नाट्य शुरु हो गये, स्टेज शो शुरू हो गये, सिरीयल शूरू हो गये। मैं इस सफल यात्रा को जारी रखने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।

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