पीयूष वालिया
गौरखाली समाज की महिलाओं ने किया वन भोज कार्यक्रम का आयोजन
हरिद्वार। गौरखाली महिला कल्याण समिति की और जगजीतपुर में वन भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चे भी शामिल हुए। इस दौरान सभी ने लजीज भोजन का आनंद लिया और गीत संगीत पर सांस्कृति प्रस्तुतियां देते हुए जमकर जश्न मनाया। गौरखाली महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष पदमा पांडे एवं महामंत्री शारदा सुवेदी ने बताया कि वन भोज गौरखाली समुदाय की प्राचीन पंरपरा है जिसे खाजा भात कहा जाता था। आज के दौरान में इसका पालन किया जा रहा है। आधुनिक समय में महिलाएं इसे वन भोज के नाम से मनाती हैं। पदमा पांडेय ने बताया कि पूर्व के समय में सास बहुओं को न तो भरपेट भोजन देती थी और न चावल देती थी। सास की नजर से बचते हुए बहुएं घर से चीजे चुरा कर लाती थी और जंगल में इकठ्ठा होकर जश्न मनाती थी। उसी परंपरा को आज समाज की महिलाएं नए अंदाज में मनाती है और जमकर नचाती है जश्न मनाती है। जिसमे परिवार के पुरुष और बच्चे भी उनका सहयोग करते हैं। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, सुतीक्षण मुनि ने सभी को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में पदम प्रसाद सुबेदी, लोकनाथ सुबेदी, समाजसेवी कमल खड़का, तारा अर्याल, चम्पा देवी उपाध्याय, सपना खड़का, रेखा शर्मा, माया रेवली, कल्पना बोहरा, कल्पना ओझा, लक्ष्मी शर्मा, विष्णु देवी भट्टराई, भगवती ओझा, कोमल न्यूपाने, कमला सुबेदी, लक्ष्मी घिमिरे, भावना शर्मा, मधु पांडे, तनुजा पांडे, मंदिरा शर्मा, जूना खड़का, आराधना सुबेदी, खुशी खड़का, पदम प्रसाद सुबेदी, रविदेव शास्त्री, नारायण शर्मा, पुष्पराज पांडे, लोकनाथ सुबेदी, रामप्रसाद शर्मा, सुशील पांडे, शमशेर बहादुर बम, सूर्य बिक्रम शाही, कृष्णा प्रसाद बस्याल, विजय शर्मा सुबेदी आदि सहित गौरखाली समाज की सैकड़ों महिलाएं शामिल रही।