पीयूष वालिया
पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश ने किए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर
जनजाति विकास, औषधि, आजीविका अभिवृद्धि एवं शोध क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे
हरिद्वार, 28 जनवरी। पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश मिलकर जनजाति विकास, औषधि, आजीविका अभिवृद्धि एवं शोध कार्य कार्य करेंगे। रविवार को इस संबंध में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज के नेतृत्व में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि तीनों संस्थान मिलकर मिल्लेट्स, अराकू कॉफी से संबंधित शोध कार्यों को गति देने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए जनजातीय समूहों को जोड़कर कार्य किया जाएगा। इस पूरी कार्य योजना में पतंजलि की अहम भूमिका होगी। शोध कार्यों के अतिरिक्त पतंजलि जीयो टैगिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग संबंधित सभी विषयों पर कार्य करेगी। साथ ही पतंजलि ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर लोगों को प्रशिक्षित भी करेगी। उन्होंने कहा कि पतंजलि संस्थान जनजाति समूहों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश के कुलपति प्रो.टी.वी. कट्टिमणी ने कहा कि पतंजलि एक विश्वविख्यात संस्थान है। पतंजलि के साथ जुड़ने से इस सम्पूर्ण कार्य योजना को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के कुशल नेतृत्व तथा पतंजलि की अपार क्षमताओं से निश्चित ही जनजातीय समूहों का विकास होगा। इस दौरान प्रो.टी.वी. कट्टिमणी, पतंजलि विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डा.प्रवीण पुनिया, पतंजलि शोध संस्थान के वैज्ञानिकों सहित पतंजलि संन्यास आश्रम के संत भी उपस्थित रहे।