अवैध खनन का काला कारोबार नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से किया जा रहा

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पीयूष वालिया

हरिद्वार। प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की सरकार होने का भले ही दम भरा जा रहा हो, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। ये बात हरिद्वार जिले को लेकर भी सटीक बैठती है। क्योंकि जनपद का श्यामपुर क्षेत्र अवैध खनन को लेकर हमेशा से ही चर्चाओं में रहता है। लेकिन इन दिनों वन विकास निगम की ओर से कराए जा रहे वैध खनन की आड़ में अवैध खनन की वजह से ज्यादा चर्चाओं में है। इन दिनों इस क्षेत्र में अवैध खनन का काला खेल धड़ल्ले से चालू है। खनन कारोबारी रात-दिन रवासन नदी का सीना छलनी कर खनन का कारोबार कर रहे हैं। क्षेत्र के कटेबड़ और आसपास के क्षेत्र में पर्मिशन की आड़ मे अवैध खनन जोरशोर से किया जा रहा है। प्रतिदिन वन विकास निगम के गेट पर तौल केंद्र से खनन सामग्री से लधे ओवरलोडेड ट्रैक्टर ट्रालियां निगम कर्मचारियों के आंखो के सामने से ही गुजर रहे हैं। लेकिन हाश्यस्पद बात यह है कि कर्मचारी उन्हें रोकने के बजाय नजरंदाज कर रहे हैं। साथ ही पर्मिशन की आड़ में चल रहे अवैध खनन पर कार्रवाई करने के लिए वन विकास निगम, राजस्व प्रशासन मौन है, साथ ही खनन से ओवरलोड वाहनों को लेकर परिवहन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। खनन मे लगे ट्रेक्टर ट्रॉलियों में न तो नंबर प्लेट हैं। कई ट्रैक्टर ट्रालियों के इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर मामले की जानकारी होने के बावजूद भी परिवहन विभाग आंखे मूंदे क्यों बैठा है। जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह खडे हो रहे है?

पिछले दिनों श्यामपुर क्षेत्र में वन विकास निगम की ओर से खनन का कार्य शुरू कराया गया था। जिसमें नियम अनुसार खनन सामग्री उठान का कार्य होना चाहिए। लेकिन वन विकास निगम के जरिए कराए जा रहे रवासन नदी में अवैध खनन की आड़ में अवैध खनन का काला कारोबार नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ सफेदपोशो के संरक्षण में अवैध खनन के काम को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मौके से निकल रहे अवैध खनन के ओवरलोडड वाहन इस बात की गवाही दे रहे हैं। लालढंग के कटेबड़ में वन विकास निगम के गेट से काफी मात्रा में अवैध खनन सामग्री से ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां तौल केंद्र से न ले जाकर बराबर से निकाली जा रही हैं। बकायदा उन्हें वन विकास निगम के कर्मचारी वहां खड़े होकर इसको अंजाम दिलवा रहे हैं। बिना नंबर प्लेट तक नहीं है। यहीं नहीं, अधिकांश के इंश्योरेंस तक नहीं है। 

सूत्र बताते हैं कि चुनिंदा ट्रैक्टर ट्रालियों का रजिस्ट्रेशन वन विकास निगम के गेटों पर किया हुआ है जबकि रोजाना सैकड़ो ट्रैक्टर ट्रालियों में अवैध खनन सामग्री को भरकर ठिकाने लगाया जा रहा है। यही नहीं एक ट्रैक्टर ट्राली में क्षमता से कई अधिक गुना सफेद सोना भरकर आगे पहुंचाया जा रहा है। जिससे रोजाना सड़कों पर ओवरलोडेड ट्रैक्टर ऑस्ट्रेलिया मौत बनकर दौड़ रही हैं। सूत्रों के अनुसार एक ट्रैक्टर ट्राली के हिसाब से सभी का हिस्सा तय हो रखा है। जिससे रवासन नदी में किए जा रहे अवैध खनन पर कार्रवाई करने की बजाय मूकदर्शक बनकर तमाशा देखा जा रहा है

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