जनजाति समूह के ज्ञान परंपरा, तथा औषधीय पादपो का संरक्षण व संवर्धन आज की प्राथमिकता डॉ सुशील उपाध्याय

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पीयूष वालिया 

जनजाति समूह के ज्ञान परंपरा, तथा औषधीय पादपो का संरक्षण व संवर्धन आज की प्राथमिकता  डॉ सुशील उपाध्याय

 

पतंजलि परिवार परंपरागत औषधि ज्ञान के संरक्षण के लिए कर रहा है वैश्विक स्तर पर कार्य + *डॉ आचार्य बालकृष्ण*

 

पतंजलि अनुसंधान संस्थान में आज ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां देशभर के छात्र-छात्राओं तथा वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. निर्मल कुमार अवस्थी (अध्यक्ष, परंपरागत ज्ञान एवं वनौषधि विकास फाउंडेशन) तथा डॉ. सुशील कुमार उपाध्याय (पूर्व डिप्टी डायरेक्टर NMPB, आयुष मंत्रालय) मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता ने परंपरागत औषधीय ज्ञान तथा वनोंऔषधि के संरक्षण, संवर्धन पर जोर दिया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर आचार्य बालकृष्ण जी ने संबोधित करते हुए पतंजलि द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत कराया। विश्व भेषज संहिता, सौमित्रय संहिता सहित औषधीय पादप म्यूजियम तथा साक्ष्य आधारित पर आयुर्वेद पर बल दिया।

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