आसुरी शक्तियों से रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतार लेते हैं भगवान-स्वामी भास्करानंद

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पीयूष वालिया

आसुरी शक्तियों से रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतार लेते हैं भगवान-स्वामी भास्करानंद
हरिद्वार, 23 अप्रैल। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्कारानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण और आयोजन करना कल्याणकारी है। सप्त सरोवर मार्ग स्थित अखण्ड दयाधाम में अखण्ड दयाधाम वृन्दावन एवं गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट इंदौर की और से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि जब-जब पृथ्वी पर आसुरी शक्तियों का आतंक और अत्याचार बढ़ता है। तब-तब मानवता की रक्षा के लिए भगवान अवतार लेकर पृथ्वी पर आते हैं। कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया। कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के अनेक प्रत्यन किए। श्रीकृष्ण को मारने के लिए उसने पूतना समेत अनेक राक्षसों का भेजा। लेकिन श्रीकृष्ण की लीलाओं से पार नही पा सके। श्रीकृष्ण ने कंस और उसके राक्षसों का वध कर मानवता को अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। स्वामी भास्कारानंद महाराज ने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भागवत कथा को पांचवा वेद कहा गया है। कथा श्रवण के प्रभाव से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। खासतौर पर गंगा तट पर संतों के सानिध्य में श्रीमदभागवत कथा के श्रवण से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जिससे सभी इच्छाओं का पूरा किया जा सकता है। स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी बिपनानंद, स्वामी नागेंद्र महाराज आदि संतों ने भी श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किए। ट्रस्टी प्रेम गोयल, विजय गोयल, श्याम अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल एवं पुष्पा देवी, गायत्री वालिया तथा अमित वालिया ने संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु भक्त शामिल रहे।

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