पीयूष वालिया
जीवन विद्या के आलोक केन्द्र देवसंस्कृति विश्वविद्यालय प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या जी के नेतृत्व में विवि अपने अभियान को विस्तारित करने में जुटा है। यही कारण है कि देश विदेश के अनेक शैक्षणिक, चिकित्सकीय आदि संस्थानों से देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के अनुबंध हो रहे हैं। विवि शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भी अभिनव पहल के लिए जाना जाता है।
विवि के मीडिया विभाग ने बताया कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस (आईएई), हैदराबाद के बीच महत्त्वपूर्ण विषयों को लेकर अनुबंध पत्र में हस्ताक्षर हुए। देसंविवि की ओर से प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या जी एवं आईएई, हैदराबाद की ओर से निदेशक श्री के. वेंकटेश ने अनुबंध पत्र में हस्ताक्षर किये। इस अनुबंध के तहत शैक्षिक उत्कृष्टता, अनुसंधान के नए अवसरों और आधुनिक शिक्षण विधियों को प्रोत्साहित करना है । दोनों संस्थान मिलकर छात्रों और शिक्षकों के लिए ज्ञान-वृद्धि और व्यवसायिक विकास के वैश्विक मंच प्रदान करेंगे। यह अनुबंध शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, नवाचार एवं विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
देसंविवि के छात्र शरद को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
हरिद्वार 24 सितंबर।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए सतत सक्रिय है। यहाँ के विद्यार्थियों ने योग, एनिमेशन, पत्रकारिता, कम्प्यूटर साइंस आदि क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है। ऐसी ही एक और उपलब्धि देसंविवि के कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थी शरद राज के साथ जुड़ी। शरद राज ने अपनी इंटर्नशिप के दौरान उत्तराखण्ड के आदर्श चम्पावत भू स्थानिक डैशबोर्ड प्रोजेक्ट पर उल्लेखनीय कार्य किया है। शरद राज जनवरी से जून 2024 के बीच औद्योगिक परीविक्षा के दौरान यूसीओएसटी एवं आईआईआरएस देहरादून में अपनी सेवाएँ दी। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने एक आयोजन में शरद राज को शॉल आदि भेंटकर सम्मानित किया।
देसंविवि मे प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या जी से शरद राज ने भेंट की और आशीर्वाद व मार्गदर्शन लिया। इस अवसर पर युवा आइकान ने शरद राज की मेहनत और लगन को सराहा। शरद राज ने बताया कि प्रतिकुलपति जी एवं मेरे शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा विवि के शैक्षणिक व पारिवारिक माहौल ने मुझे आगे बढ़ने के प्रेरित किया।