श्री गुरुद्वारा साहिब चार साहेबजादे टाँटवाला में गुरुमत समागम का आयोजन किया गया।

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पीयूष वालिया

श्री गुरुद्वारा साहिब चार साहेबजादे  टाँटवाला में गुरुमत समागम का आयोजन किया गया। 

 – देश विदेश से रागी और कविसर शिरकत करने पहुँचे। 

-युवा पीढ़ी को  सिख पंथ के आदर्शो से रूबरू कराया। 

लालढांग। संवाददाता। 

 हरिद्वार ग्रामीण के दुरस्त पिछड़े गाँव दूधला दयालवाला उर्फ़ टाँटवाला में नव निर्मित श्री गुरुद्वारा साहिब चार साहेबजादे में प्रथम महान गुरमत समागम का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में देहरादून, दिल्ली, रुड़की सहित आसपास क्षेत्र की सिख श्रद्धालूयो ने सेवा और शब्द कीर्तन  का रस लिया। इस अवसर में देश विदेश से आये प्रसिद्ध रागी, कीर्तनीय, कविसरो और धर्म प्रचारको ने गुरु महिमा का गुणगान किया।  साहिबजादा जुझार सिंह गुरमत मिशनरी कॉलेज के प्रिंसिपल हरभजन सिंह ने दशवे  गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों  की जीवनी पर प्रकाश डाला। मुख्य ग्रंथी गुरुद्वारा बाला साहब दिल्ली के ज्ञानी सुखविन्द्र सिंह ने प्रवचन करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी की चलाई गये मर्यादा जिसमें  किरत करो, नाम जपो और बाँट कर छको की धारना समाज में होनी चाहिए। 

 

 अमेरिका के प्रसिद्ध  ज्ञानी सोहन सिंह  व भाई मनमीत सिंह ने  शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया। समागम में मुख्य रूप से ज्ञानी

जोगिंदर सिंह  मुख्य ग्रंथी गुरुद्वारा मोती बाग दिल्ली जोगिंद्र सिंह, आस्ट्रेलिया से आये ज्ञानी धर्म सिंह ,ज्ञानी सुरजीत सिंह , भाई कंवर पाल सिंह , प्रीतम सिंह और ओमबीर सिंह ने शब्द गुरुबानी से संगतो को निहाल किया इस अवसर पर श्रद्धालुओ ने गुरु के अटूट लंगर  छका।

  कार्यक्रम के प्रबंधक ज्ञानी महेश सिंह ने कहा कि आज समाज कुरीतियों में फसा पड़ा है। युवा पथ भृष्ट हो चला है। ऐसे मे सिख पंथ अपनी मर्यादा में प्रचार प्रसार कर युवाओ को सद मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। श्री गुरुग्रन्थ साहिब  सत्य मार्ग पर चलने का प्रेरना स्रोत्र है। समाज को अनुसरण करने की जरूरत है।

 समागम में सेवादार भाई रतन सिंह, केहर सिंह, ज्ञानी गगन सिंह, मनोज सिंह, सोहन सिंह , सुरेश सिंह, सहित् भारी संख्या में श्रद्धालू उपस्थित रहे।

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