पीयूष वालिया
25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने किया लोकतंत्र का चीर हरण :मदन कौशिक
आज भारतीय जनता पार्टी विधानसभा हरिद्वार के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस द्वारा 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाए जाने के विरोध में आपातकाल की बरसी बनाई और कैंडल मार्च निकालकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि जिन्होंने आपातकाल में अपने प्राण गवाए है
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में लोकतंत्र की हत्या का दिन गिना जाता है। कहा कि कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 की रात को केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी और संविधान का गला घोट दिया। आपातकाल लगाने के बाद राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य को जेल में डाल दिया । उन्होंने कहा कि देश को बदनाम करने के लिए कांग्रेस साजिश कर रही है और संविधान सहित कई संस्थाओं को भी अपनी राजनीति का शिकार बना रही है।
आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाने की घोषणा तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की देर रात आकाशवाणी पर एक प्रसारण में की थी। इससे कुछ घंटों पहले, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सदस्य के रूप में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सशर्त रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी से कहा था कि, वह संसदीय कार्यवाही से दूर रहें। हालांकि, उन्होंने कुछ और ही सोच रखा था। यह आपातकाल देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी।
भाजपा महिला मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनु कक्कड़ ने कहा की संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा-चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो- होने पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए आज मंगलवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “आज 25 जून है, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं… उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिवस है। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ठाकुर सुशील चौहान ने कहा की 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नयी पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि उस समय कैसे देश के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। देश को जेल खाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।
भाजपा ने सोमवार को कहा कि वह कांग्रेस की तानाशाही और संविधान के प्रति उसकी सोच का ‘पर्दाफाश’ करने के लिए 1975 के आपातकाल की बरसी के मौके पर एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम प्रत्येक मंडल में आयोजित कर रही है
“आपातकाल भारत के महान लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर ‘आपातकाल’ थोप दिया था।”
वर्ष 1975 में 25 जून को ही पूरे देश में आपातकाल लगाई गई थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इशारे पर सरकारी एजेंसियों ने तमाम विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था। आम लोगों के अधिकारों पर कैंची चलाई गई और विरोध करने वालों को हाशिये पर डाल दिया गया। इसे भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। बीजेपी हर साल इस दिन को इमरजेंसी के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करती है
भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश शर्मा और तरुण नैय्यर ने कहा कि वर्ष 25-26 जून 1975 की मध्य रात्रि में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था जिसमें विपक्ष के नेताओं को जेलों में डाल दिया गया. इसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई , पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत देश के अनेकों राजनेताओं को जेलों में डाल दिया गया था . इतना ही नहीं समाचार पत्रों मीडिया पर भी पाबन्दी लगा कर लोकतंत्र का गला घोंटा गया . खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई गयी. न्यायपालिका को अपने अधीन कर देश में आम जनता को बंधक बनाने का कार्य उन दिनों के कांग्रेस काल में हुआ जो घोर निंदनीय था .
कहा कि 1975 से 1977 लगभग 19 माह के कार्यकाल में कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर देश की संस्थागत संस्थाओं पर अपना अधिकार जमा लिया. यह सब उन्होंने रायबरेली लोकसभा चुनाव में जीत को हाई कोर्ट बेंच ने स्थगित कर दिया और वह सुप्रीम कोर्ट चली गई. 11 अगस्त को उनका रायबरेली सीट का निर्णय आना था उस निर्णय से भयभीत होकर इंदिरा गाँधी ने पूरे देश में आपातकाल लगाया और उन्होंने देश को 19 माह तक कानून व्यवस्था न्यायपालिका शासन प्रशासन को अपने हाथ में लेकर विपक्ष के नेताओं को और उनके खिलाफ में बोलने वाले सभी नेताओं को पूरे देश से लगभग डेढ़ लाख लोगों को जेलों में पहुंचा दिया .
आज के कार्यक्रम में महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष मृदुल सिंघल मंडल महामंत्री आकाश चौहान पार्षद अनिरुद्ध भाटी सपना शर्मा सपना शर्मा नेपाल सिंह मोनिका सनी सरोज जाखड़ निशा पुंडीर विजय पाल सिंह निशा पुंडीर हर्षित त्रिपाठी हर्षित त्रिपाठी की बीपी सिंह देवेश मुंबई सुनील शेट्टी प्रशांत सैनी आदि उपस्थित थे