रूड़की निगम चुनाव::भाजपा में दावेदारों की है लंबी लिस्ट-टिकट की दौड़ में बने नेताओं की है यह स्थिति

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रुड़की रिपोटर इरफ़ान अहमद
सह संपादक अमित मंगोलिया
रुड़की नगर निगम मेयर सीट सामान्य हो चुकी है ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार भी अति सक्रिय भूमिका में आ गए हैं। राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ने की इच्छा वाले दावेदारों ने पार्टी पदाधिकारियों से संपर्क साधने के साथ देहरादून और दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है। वही निर्दलीय उम्मीदवार पब्लिक के बीच अपना ज्यादा से ज्यादा समय देते नजर आ रहे हैं।वहीं वार्डों के आरक्षण ने पार्षद का चुनाव लड़ने के इच्छुक कुछ दावेदारों का समीकरण भी गढ़बढाया है।
कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने चुनावी तैयारियां पूरी कर ली है। मेयर सीट और वार्डों का आरक्षण भी जारी हो चुका है। इस तैयारी से लगता है जुलाई अंत तक आचार सहिंता लगने के साथ अगस्त में चुनाव भी सम्पन्न करवा दिए जाएंगे। ऐसे में चुनाव न होने के बाद निराश नेता फिर से सक्रिय हो गए हैं।भाजपा कांग्रेस दोनो ही दलों में करीब 12 से अधिक दावेदार टिकट के लिए मैदान में हैं। इनमें से एक दो ऐसे भी हैं जो चुनाव न होने की स्थिति में भी लगातार सक्रिय थे। बाकी ने अब जाकर कमर कसनी शुरू की है। खैर यह तो पब्लिक के हाथ मे है कि किसे मेयर की कुर्सी तक पहुंचाएगी। लेकिन हम आपको बताते हैं कि किस पार्टी में कौन दावेदार टिकट की दौड़ में है।
जानिये भाजपा के दावेदारों की स्थिति….

1.मयंक गुप्ता….भाजपा हरिद्वार के पूर्व जिला महामंत्री,प्रदेश महामंत्री और अब प्रदेश उपाध्यक्ष मयंक गुप्ता की संघ और संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। पार्टी ने लगातार संगठन में उन्हें जिम्मेदारी दी है हां चुनाव लड़ने का मौका नही दिया। पिछले करीब दो से तीन वर्षों से वह नगर की राजनीति से दूरी बनाए हुए थे बीच मे कुछ स्वास्थ्य कारणों से भी वह सार्वजनिक कार्यक्रमों शामिल नही हो सके। लेकिन टिकट की दौड़ में सबसे आगे माने जाते हैं।
2.गौरव गोयल..भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहे और फिर जिला माहामंत्री का दायित्व भी सम्भाल चुके हैं। पिछले करीब दस वर्षों से लगातार पब्लिक के बीच बने हुए हैं। चुनाव हो या न हो गौरव गोयल ने पब्लिक से दूरी नही बनाई। 2013 निकाय चुनाव में भी टिकट की दौड़ में वह दो नम्बर पर रहे। और महेंद्र काला ने बाजी मारी थी। अब एक बार फिर से टिकट की दावेदारी में मजबूत माने जा रहे हैं संघ और संगठन में भी गौरव गोयल की ठीक पकड़ मानी जाती है।
3.अजय सिंघल..अजय सिंघल की एक और सिर्फ एक मजबूती है केबिनेट मंत्री मदन कौशिक। उनके करीबियों में सुमार सिंघल पिछले करीब दो वर्षों से रूड़की की राजनीति में सक्रिय हुए। संघ में सेवक के रूप से लंबे समय से कार्य करते आ रहे हैं।वर्तमान में भाजपा ने प्रदेश कार्यकारिणी में इन्हें स्थान दिया हुआ है। पेशे से अधिवक्ता और उधोगपति सिंघल मंत्री के करीबी होने के कारण टिकट की दौड़ में बने हुए हैं।
4.ललित मोहन अग्रवाल…भाजपा के जिला संयोजक और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री निशंक के करीबी माने जाने वाले अग्रवाल पिछले करीब डेढ़ वर्ष से अचानक सक्रिय राजनीति में आये।नगर में बड़े बड़े होर्डिंग और बैनर लगाकर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने के प्रयास किये। पेशे से बिजनेसमैन है लेकिन पब्लिक के बीच पकड़ की कमी है।
5.नवीन जैन-पेशे से अधिवक्ता और सक्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। नवीन जैन दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार भाजपा में टिकट के लिए मजबूती से ताल ठोके हुए हैं। जनसमस्याओं के लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े होने में इन्हें परहेज नही होता और देश के शहीदों और क्रांतिकारियों में इनकी भरपूर आस्था है और समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों के लिए वह जाने जाते हैं।
6.संजय अरोड़ा-पंजाबी समाज से एकमात्र चेहरा जो टिकट की दौड़ में हैं सांसद प्रतिनिधि होने के साथ भाजपा में जिला उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। 2017 विधानसभा में उन्हें झबरेड़ा विधानसभा की जिम्मेदारी संगठन की ओर से दी गयी। दिन रात भरपूर मेहनत का नतीजा यह रहा कि कांग्रेस की झोली में गयी मानी जा रही सीट पर भाजपा का कब्जा हुआ। अरोड़ा लगातार लोगों के बीच सक्रिय हैं और जनसमस्याओं की लड़ाई और उनके समाधान का प्रयास करवाते देखे जाते हैं।
7.उमा अग्रवाल..भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व मीडिया प्रभारी एवं पेट्रोल पंप व्यवसायी राकेश अग्रवाल की पत्नी उमा अग्रवाल भी टिकट की दौड़ में हैं उन्होंने अपना बायोडाटा प्रधामनंत्री और भाजपा अध्यक्ष को भेजा है। उमा कई सामाजिक संगठनों में भी जुड़ी हुई हैं।

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