पीयूष वालिया
भाकियू भानु का तीन दिवसीय अधिवेशन शुरू
किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम रही केंद्र सरकार-ठाकुर भानु प्रताप सिंह
हरिद्वार, 13 जून। अलकनंदा घाट पर शुरू हुए भारतीय किसान यूनियन भानु के तीन दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन किसान संगठन के पदाधिकारियों ने किसानों से एकजुटता और सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया। मंगलवार से शुरू हुए अधिवेशन में देश के कई राज्यों के किसान भाग ले रहे हैं। अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। सरकार की नीतियों के चलते किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। चीनी मिलों पर बकाया गन्ने का भुगतान नहीं हो पा रहा है। सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था। लेकिन किसान आर्थिक रूप से और कमजोर होता जा रहा है। सरकार एमएसपी पर गारंटी देने के वादे को भी पूरा नहीं कर पायी है। ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते किसान लगातार कमजोर हो रहा है। किसानों को एकजुट होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष करना होगा। तीन दिवसीय अधिवेशन में संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। सरकार की नीतियों से परेशान किसान आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी और स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। जिससे किसानों को राहत मिल सके। कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चैधरी ने कहा कि देश के विकास के लिए किसान का समृद्ध होना जरूरी है। सरकार को किसान हितैषी नीतियां लागू कर किसानों की समृद्धि के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान हित में भाकियू भानु का संघर्ष लगातार रहेगा। राजसिंह चैधरी ने बताया कि तीन दिवसीय अधिवेशन में किसानों के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कर संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। अधिवेशन में राष्ट्रीय महासचिव नितिन चैधरी, जिलाध्यक्ष भागमल, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सचिन चैधरी, प्रदेश महासचिव विनय चैधरी, प्रदेश सचिव विकास चैधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज गुप्ता, युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अंकित, खानपुर ब्लाॅक अध्यक्ष अनुराग खटाना, लकसर नगर अध्यक्ष दीक्षित कुमार, प्रदेश प्रभारी देवेश राणा सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।