पीयूष वालिया
हरिद्वार, 27 दिसम्बर। एसएमजेएन काॅलेज में आयोजित आध्यात्म चेतना संघ के कार्यक्रम में प्रोफेसर पीएस चैहान, आचार्य करूणेश मिश्र, भूपेन्द्र गौड़, प्रेम शंकर प्रेमी ने विशिष्ट सामाजिक सेवाओं के लिए अखाड़ा परिषद एवं कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी व कालेज के प्राचार्य प्रो.सुनील बत्रा को हरिद्वार गौरव रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया।
इस दौरान श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना होगा ताकि शास्त्रों की ज्ञान परम्परा को संरक्षित रखा जा सके। श्रीमंहत ने कहा कि गीता धार्मिक ग्रन्थ ही नहीं वरन यह जीवन दर्शन का प्रबंधन भी है। गीता का ज्ञान सभी सफलताओं का आधार है। अध्यात्म चेतना संघ जैसी संस्थायें इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार बत्रा ने आध्यात्म चेतना संघ के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि एफ.डब्ल्यू टेलर के प्रबन्धकीय सिद्धान्त से भी पहले गीता जनमानस को प्रबन्ध क्षमता का ज्ञान दे चुकी थी। उन्होंने कहा कि गीता की प्रांसगिकता के सम्मुख सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हुआ है। प्रोफेसर बत्रा ने सम्मान को सभी साथी प्राध्यापकों एवं छात्र छात्राओं को समर्पित किया।
आचार्य करूणेश मिश्र ने कहा कि गीता में धर्म के संरक्षण पर ही विमर्श किया गया है और धर्म से आशय प्रत्येक व्यक्ति के कर्तव्यबोध से है न कि पूजा पद्धति से।
इस अवसर पर डा.संजय कुमार माहेश्वरी, कार्यालय अधीक्षक मोहनचन्द्र पाण्डेय, प्रो.जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डा.मिनाक्षी शर्मा, डा.सरोज शर्मा, डा.रजनी सिंघल, डा.लता शर्मा, डा.मोना शर्मा, डा.हेमवती, संजीत कुमार, राजकुमार, पिन्की वर्मा, स्मिता रयाल, दिवया भटट, आंकाशा पान्डेय, पदमावती तनेजा, रश्मि डोभाल, शाहीन, अनरिषा सिंह, भव्या भगत आदि उपस्थित रहे।